माना कि तेरी महफ़िल के ,
काबिल नहीं थे हम ,
पर तेरे ही बुलाने से ,
यहाँ आये थे हम ,
खुद ही कहीं छुपे हो ,
बुलाकर हमें यहाँ ।
ऐसी क्या खता हुई ,
जो रूठ गए तुम ।।

Hindi Poem by Shobhna Goyal : 111738513

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