कलम भी देखो जैसे ईश्क़
कर रही हे,,@
अल्फाज़ो को लेकर
ज़ज़्बातो पर मर रही हे,,,

Hindi Shayri by Abbas khan : 111837394
Shefali 2 years ago

Kya baat 👌🏼

Abbas khan 2 years ago

बहोत् बहोत् शुक्रिय ,,,,✍️👌👌 दिल के दर्द ने शायर बना दिया तब जाना कि, गमों की महफ़िल भी कितनी हसीन होती है चाहत क क्या हे चाहते होती है जहा ं दिल मिल ही जाते है वहां ये तो प्यार के फूल है जो पत्थर पर भी खिल जाते है

Zainab Makda 2 years ago

वाह 👌👌 उनके याद आपकी चाहत शायरी के अल्फाज बन गए भरी महफिल में लोग मेरे दर्द को भी वाह वाह कह गए अल्फ़ाज़ों में क्या बयां करें अपनी मोहब्बत के अफ़साने शायर है हम शराबी नहीं.....

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