कुछ धुनें कलम की

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कुछ धुनें कलम कीमेरे 5 गीत अरिन कुमार शुक्ला सरिणीदो शब्द तेरे प्यार ने हे भारत के वीर जगो राष्ट्र धुन राम धुन हिन्दी धुन दो शब्द "कुछ धुने कलम की" मेरा पहला काव्य संग्रह है। यद्यपि पहले मेरी 8 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है, परंतु काव्य के क्षेत्र मे यह मेरा पहला कदम है। काव्य मेरी लेखनी का हिस्सा नहीं रहा है परंतु जैसा की एक छंद मे व्यक्त होता है –“ आत्मा के सौन्दर्य का शब्द रूप है काव्य,मानव होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य।“तो इस ही सौभाग्य को जीने का प्रयास है यह पुस्तक और ये पाँच गीत। तेरे प्यार ने यूं तो आदमी हम भी काम के