समकालीन कहानी में सांस्कृतिक मूल्य-डॉ पदमा शर्मा

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डॉ0पदमा शर्मा समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्य’राजनारायण बोहरेपुस्तक- समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्यलेखिका-डॉ0पदमा शर्माप्रकाशक-रजनी प्रकाशन दिल्ली‘ समकालीन हिन्दी कहानी में सांस्कृतिक मूल्य’ नामक हिन्दी कथा आलोचना की पुस्तक ऐसे समय में पाठकों और शोध कर्मियों के समक्ष उपस्थित हुई है, जबकि समकालीन हिन्दी कहानी विश्व कथा साहित्य से होड़ लेती हुई धुर आंचलिक क्षेत्रों तक अपना विस्तार कर चुकी है। ऐसे में चम्बल घाटी में बसे हिन्दी के चर्चित कथाकारों की कहानियों का सांस्कृतिक नजरिये से अवलोकन करना न कवल नया उपक्रम है वरन् एक जरूरी शोध कार्य भी है क्यों कि इसी के मार्फत यह जाना जा