गुलदस्ता - 15

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गुलदस्ता १५ Guldasta   निसर्ग एक अनुठा जादुगर है, उसी के सान्निध्य में अशांत मन शांती खोजता है। हरियाली, झरने, फुल, पंछी, पौधे, नदी समंदर, आकाश, पहाड, अपने सकारात्मक उर्जासे मन शांत कर देते है। ऐसेही निसर्ग की सुंदरता पर कुछ पंक्तिया......          ९१ नीले नीले आसमान पर, संध्या की छाया गहराई डुबते सुरज की किरणोंने  सुनहरी लालिमा फैलाई अबुजसा हुवा वातावरण एक सन्नाटा छा गया अंधेरे की दस्तक सुनकर सुरज मुडकर चला गया लौट गई सारी दुनिया अपने अपने घरोंदो में  रात का काजल लगाकर सपन सलोने खाब्बों में छाया गहरा अंध:कार अनगिनत तारे झिलमिलाने लगे