पूर्णाहुति

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मृदुल बिहारी जी कि कालज्यी कृति पूर्णाहुति -मृदुल बिहारी एक ऐसा नाम जिनकी अभिव्यक्ति ने साहित्य को एक नई पहचान एवं ऊंचाई प्रधान करने कि साध्य साधना के महा अनुष्ठान के महायज्ञ की हव्य से अनेक अनमोल कृतिया प्रज्वलित हो कर समय समाज संसार राष्ट्र एवं युग में प्रज्वलित मशाल बन साहित्यिक छितिज पर दैदीप्यमान है जिससे आज का समाज प्रेरित होते हुए दिशा दृष्टि प्राप्त करता है तो भविष्य के सुंदर आयाम के आगमन का संकेत देता है!मृदुल बिहारी एक ऐसी नारी जिन्होने सोच कर्म कर्तव्य के समन्वयक प्रयास से सम्पूर्ण नारी समाज को मार्यादित एवं गौरवान्वित कर उन्हें