मुंशी प्रेमचंद कि कहानी नशा कि समीक्षा

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मुन्सी प्रेम चंद्र की कहानी नशा की समीक्षाकथा सम्राट मुन्सी प्रेम चंद्र जी कीकहानियों की समीक्षा करना किसी भी साधारण साहित्यकार के लिये कदाचित संभव नहीं है ।मात्र यही गौरव की बात हो सकती है की महान कथाकार के जन्म दिवस पर उन्हें याद कर उनके महत्व्पूर्ण योगदान के लियेआज की पीढ़ी कृतज्ञता व्यक्त कर् सकने में सक्षम हो सके ।जिस सामजिक उत्थान चेतना के लिये मुन्सी जी ने अपने जीवन पर्यन्त अपनी लेखनी की धार की प्रबाह से प्रयास किया आज उस महान्कथाकार के लिये पीताम्बर आजनतमस्तक होकर नमन करता हैवंदन करता है मुन्सी जी का अभिनन्दन करता है।मुन्सी