विनय पत्रिका - पुस्तक समीक्षा

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1-विनय पत्रिका ----आदरणीय तुलसी दास जी द्वारा रचित विनय पत्रिका तुलसी दास जी के सम्पूर्ण भाव व्यक्तित्व से निकला यैसा रस है जो तुलसी दास जी के काल में तुलसी दास द्वारा मानव मानवता के मूल्यों को उसके मूल उद्धेश्यों के परिपेक्ष्य में बदलते वक्त और बिताते युग या यूँ कहें की सत्य और अनंत की सृष्टी में दृष्टी दृष्टिकोण का शसक्त सारगर्भित माध्यम है विनय पत्रिका तुलसी दास जी की भावना क्या लाज़बाब और युगों युगों तक प्रासंगिक है --- ::मेरी भी सुधि द्यावी कछु करुण कथा चलाईके::2-मधुशाला-----आदरणीय हरिवंश बच्चन जी की कालजयी रचना समाज को सार्थक सन्देश देती