हैवान से मोहब्बत - 8

  • 4.6k
  • 1
  • 3k

Ch 8 वेदान्श की मुस्कराहट युवान तानिया की तरफ देखते हुए बोला : " कोई बात नहीं भाभी...माॅम तो अब वापस नहीं आ सकतीं। लेकिन मैं खुश हूं कि भगवान ने हमारे लिए आपको भेज दिया।। "तभी दोनों की नज़र सामने सोफे की तरफ जाती है। उन्हें वेदांश वहाँ नहीं मिलता। यह देख कर दोनों बैड से उठ जाते हैं और वेदांश को इधर - उधर ढूंढ़ने लगते हैं।।अब आगे -सिंघानिया अंप्यार, उनके जाने के बाद आर्य तानिया की बनाई खीर को याद करने लगा : " हम्म...खीर तो उसने वाकयी में बहुत टेस्टी बनाई थी। दादा जी ने मुझे