नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर।

  • 2.3k
  • 837

जीवन को आनंद उत्साह से जीने मे ही मज़ा है बाकी दुःख दर्द तो हर चोराये पर बाहे फेलकर इतजार मे खड़ा है, कंप्यूटर सिस्टम बनकर थोड़े ही जीना है की जब मर्जी करे कोई खोले और बंद करे। जीवन मे बदलाव अपने आंतरिक भाग मे होने चाहिए। जो मिस्टर इंडिया की भाती किसी को दिखे नही परंतु खुद को परम सुख, शांति प्रदान करे। जीवन मे कोई गलती नही होती - सिर्फ शिक्षा मिलती है। नकारात्मकता अनुभव जैसी कोई चीज नही होती, सिर्फ अवसर है आगे बढ़ने के लिए, सिखने के लिए और आत्मनियंत्रण के मार्ग पर आगे जाने