पथरीले कंटीले रास्ते - 7

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पथरीले कंटीले रास्ते    7      बग्गा सिंह घर तो जैसे तैसे पहुँच गया पर उसका सारा ध्यान रविंद्र में ही लगा था । हालांकि पुलिस की उसके साथ पूरी हमदर्दी थी पर घर तो घर होता है न और रविंद्र दो दिन से घर से दूर था । रोटी भी पता नहीं उसने खाई या नहीं । थाने में कैसे रात में सोया होगा । जमानत ही हो जाय तो इससे आगे का अगला कुछ  सोचा जाय । हालांकि वकीलों ने पूरा होंसला दिया है कि रविंद्र को कम से कम सजा होगी । नहीं भी हो सकती