एक देशभक्त सन्यासी - 3

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................. आइए आपके बीच जब चर्चा चल ही रही है तो उस भाषण को आपके लिए प्रस्तुत करने का प्रयास करूँ। इसे (भाषण लेख) विकिपीडिया से लिया है।विश्व धर्मसभा (शिकागो) का भाषण प्रस्तुत है - " मेरे अमरीकी बहनों और भाइयों! " आपने जिस सम्मान सौहार्द और स्नेह के साथ हम लोगों का स्वागत किया हैं उसके प्रति आभार प्रकट करने के निमित्त खड़े होते समय मेरा हृदय अवर्णनीय हर्ष से पूर्ण हो रहा हैं। संसार में संन्यासियों की सबसे प्राचीन परम्परा की ओर से मैं आपको धन्यवाद देता हूँ; धर्मों की माता की ओर से धन्यवाद देता हूँ;