Naagin - incomplete Kahani books and stories free download online pdf in Hindi

नागिन - की अधुरी काहाणी

पिछले अध्याय मैं हमणे देखा कि शिव ने काहा था की मानसी की बेटी मर जाएगी लेकिन मानसी की बेटी बच गइ थी लेकिन उस बच्ची मे बुराइ थी तब पंडित बोलते है की इसको और खुदको बचाणे वो आरहा हे और उसकी बुराइ इस समय से महाशिवरात्री के दिन इस बच्ची की सारी बुराइ खतम हो जाएगी और उस दिन से उसकी काहाणी शुरु होगी लेकिन एक प्रश्नन का उत्तर नही मिला मानसी मा कब बणी और वो बच्ची बुराइ मे कैसे गई एक लडका आता हे और बोलता हे जब जब बुराइ आइ हे तब अछाइ ने बुराइ मिटाइ हे तब सारे दोस्त बोलते है वावा क्या बात है तब वो जाते हे तब एक लडकी उनके गाडी से टकरा जाती हे तब वो बोहत उनको बोलती हे तब वो लडका उस लडकी को किस तब शिवम का दोस्त बोलता हे मे भी किस करोगा तब शिवम उसे मारता हे तब वो बोलता हे मे एक दिन जरूर आवोगा तब वो चला जाता हे तब वो लडका बोलता हे मेरा नाम शिवम हे और तुम्हारा तब वो बोलती हे मेरा नाम सुरभी हे तब वो लडका बोलता हे मे तुमसे ही शादी करुगा तब धिरे धिरे दोनो में प्यार हो जाता है शिवरात्री के दिन सुरभी एक नागिन होती हे शिवरात्र के पेहेले दिन सुरभी एक लडकी को मार देती है तब शिवम बोलता हे मेरे साथ चलो तब शिवम उसे शिवमंदिर ले जाता है और वो एक पुजा करता हे और तब सुरभी उसे मारती हे तब आते है शिव और बोलते है शांत हो जा तब शिव उसे बुराइ से अच्छा इमे बदल देते हे ओर वो नागराणी बनजाती हे तब शिवम बोलता हे अब तुम्हे एक नइ जिंदगी कि शुरुवात करणी हे तब वो चला जाता है तब सुरभी शिव से पुछती हे कि मेरे मा बाबा कोण हे और मे बुराइ मे कैसे बणी मेरा जन्म कहा होवा तब शिव बोलते है की तुम एक गाव मे पेदा होइ थी तब तुम्हीरी मा ने तुमको एक दोस्त के पास दिया था लेकिन वो बुरी दोस्त थी उसणे तुमको बुरा बणाया और तुम्हारी मा भी एक नागिन थी उसका नाम मानसी था और तुम्हारे बाबा का नाम नक्ष था तो मेणे सब प्रश्नन का उत्तर दिया है तब शिव चले जाते हे तब सुरभी निकलती हे तब बोहत बारीश होती हे और तब सुरभी को कोछ तो दिखता हे वाहा होता हे एक लडका तब सुरभी उसे बोलती हे मे तुम्हारी गाडी मे आ सकती हू तब वो बोलता हे तुम कोण हो सुरभी बोलती हे मे सुरभी हो और तुम वो बोलता हे मे शिवम हो तब दोनो भी जाते हे तब धिरे धिरे दोनो में प्यार हो जाता है और दोनो भी शादी करते हे दो महिने बाद सुरभी और शिवम को सब मारणे जाते हे तब सुरभी उन सब को मारडालती हे तब शिवम बोलता हे कि तुम भी एक नागिन हो तब पिछेसे कोइ तो सुरभी के उपर वेलपत्र डालता हे तब एक आदमी आता हे और बोलता हे कि आज खेल खतम हो जाएगा जब बुराइ तभाइ करेगी तब वो आदमी शिवम को मारडालता हे तब सुरभी बोलती हे शिव तब सुरभी उठती हे और उसे मारे तब वो आदमी सुरभी को त्रिशुल से मार देता हे और दोनो को खाइ मे फेक देता हे तब शिव आते है और बोलते है मे तुम्हे एक और मुका दुंगा लेकिन तुम्हे वो केवल अंतिम जंग तक ही मुका मिलेगा तब वाहा तुम्हरा पती नही होगा वो केवल आमइनसान हे लेकिन तुम्हे अपना इंतकाम लेना हे और तब तुम्हारा भी अंत होगा और तुम्हारी मदत करणे कोइ तो आएगा तब शिव बोलते है चलो तब सुरभी शिव को प्रणाम करती है तब वो घर जाती हे तब बोहत सोचती हे तब वो बोलती हे एक और रहस्य बाकी है वो क्या है तब वो बोलती हे नागिन शुभांगी, शिवकन्या, चंद्रकला, गौरी, राणी, मानसी ये सब मेरी मदत करणे आएगा तब वो शिवमंदिर जाती हे और बोलती हे शिव मुझे बताइये कि वो दुश्मन कोण हे तब आता हे वो आदमी और बोलता हे मेरा नाम आरणव हे शिवम का दोस्त तब वो बोलता हे अब मे तुम्हे मारडालुगा तब सुरभी तांडव करती है तब वो बोलता हे कर तांडव कोण नही आएगा तब बोहत बारीश होती हे बोहत हवा चलती है तब आरणव सुरभी को मारडालता हे तब आते है सब नागिन तब सब मिलकर उसे मारडालते हे तब मानसी बोलती हे सुरभी चलो अब हम सब एक है अब तुम्हारे भी काहाणी का अंत होवा तब शिव बोलते है अब ये काहाणी याहा खतम हो जाती है लेकिन वो दानव उठाता हे तब शिवका त्रिशुल उस पे गिरता हे तब काहाणी खतम हो जाती है The end🐍🐍🐍.