यह कहानी एक बड़े पार्क से शुरू होती है, जो शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। पार्क में विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे और फलदार पेड़ हैं, जहाँ लोग सुबह-शाम आते हैं। रामप्रसाद और उसकी पत्नी संगीता भी पार्क में आते हैं, जहाँ रामप्रसाद को बैठना पसंद है, जबकि संगीता को पड़ोस में बैठकी करना। एक दिन, रामप्रसाद ने संगीता से उनके पहले हाथ पकड़ने का जिक्र किया, लेकिन संगीता का ध्यान एक गर्भवती महिला और उसके छोटे बच्चे की ओर था। संगीता के मन में महिला के अकेले टहलने को लेकर कई विचार आ रहे थे, जिसमें उसे लगा कि शायद पति ने उसे छोड़ दिया है या सास-ससुर को वृद्धाश्रम भेज दिया होगा। संगीता ने आज की पीढ़ी पर सवाल उठाते हुए सोचा कि अगर सास होती तो वह बहू का ध्यान रखती। उसे यह भी लगा कि आजकल की बहुएँ जल्दी ही अलग घर बसा लेती हैं और अपने पति से लड़ाई कर लेती हैं। कहानी इस तरह से आधुनिक रिश्तों और पीढ़ियों के बीच के अंतर को दर्शाती है। सठिया गयी हो by Savita Mishra in Hindi Moral Stories 1.7k 2k Downloads 10k Views Writen by Savita Mishra Category Moral Stories Read Full Story Download on Mobile Description घर मोहल्ले की घुटन भरे वातावरण से निकलकर व्यक्ति पार्क में जाकर कुछ ताज़ी हवा खाता है लेकिन कुछ लोग अपनी प्रवृत्ति के वशीभूत होकर ताज़ी हवा में भी अपने मन मुताबिक दूषित वातावरण अनायास ही तैयार कर लेंते हैं लोग अपने ही बनाये जाल में फंसते जाते हैं कई लोग माहौल-वातावरण के बदलाव होते ही धीरे-धीरे बदल जाते हैं, तो कई लोग अपने ही विचारों के मकड़जाल में जकड़तें जाते हैं कभी-कभी अपने उन्हीं विचारों के इर्द-गिर्द ख्याली स्वादहीन पुलाव तो कभी तीखापन लिए पुलाव पकाते रहते हैं इस कहानी की नायिका भी कुछ ऐसा ही पुलाव अपने आसपास पकाती रहती है उसका पति क्रोधित नहीं होता क्योंकि वह जनता है कि उसकी पत्नी थोड़ी देर भले भटके लेकिन नेक राह पर लौट आती है यहाँ इस कहानी में एक अकेली गर्भवती स्त्री को देखकर उसके अतीत-वर्तमान-भविष्य की सारी तस्वीरें अपने मन में बनाती जाती है लेकिन वातावरण का असर होते ही वह सचेत हो जाती है उसके किन विचारों के कारण उसका पति उसे अक्सर सठिया गयी हो कहता रहता था यह जानने के लिए पढ़िए -- सठिया गयी हो More Likes This आरव और सूरज by Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 by Vedant Kana Middle Class Boy by Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 by M choudhary Commerce Wale Dost - 1 by chotti writer इंटरनेट की दुनिया - भाग 1 by Ashish Kumar Trivedi इश्क़अधूरा _ एक और गुनाह का देवता - 1 by archana More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories