सुबह साढ़े छह बजे
तेजस ने ट्रेडमील की स्पीड बढ़ायी और साथ ही अपने पैरों की गति भी । उसके सधे पैर अविराम द्रुत वेग उस अत्याधुनिक प्राइवेट जिम रूम में अपनी धाप से हल्की चलती संगीत को मात दे रहे थे । ओम तो कितने पहले ही थक कर चूर हो गया था । और अब फर्श पर बैठकर गहरी सांसे लेता तौलिया गले में लटकाए अपने पसीने सूखा रहा था । उसने पास ही रक्खा एनर्जी ड्रिंक उठाया और एक ज़िप लेकर जोर से चिल्लाया ....
बस कर तेज अब क्या मिल्खा सिंह को भी कॉम्लेक्स देना है ? तेरा अब बहुत हो रहा है .... अब रुक भी जा ..!
पर तेजस को तो लगा जैसे उसने कुछ सुन ही नहीं है। बल्कि उसने एक बार फिर गति बढ़ा दी । वह छह फुटिया लम्बे चोड़ै गठीले आकर्षक बदन का मालिक था lउसका औरा इतना शसक्त था कि उसे परिभाषित करने के लिये शब्द बेईमानी थे । पसीनो की बूंदों से उसके बिखरे बाल तर बतर होकर चौड़े उजले ललाट से चिपक गए थे तो कुछ अभी भी तेज झटके से लहरा पड़ रहे थे । तेजस के हाथ और गर्दन की नसें बुरी तरह उभर गयी थी । गोरे चेहरे पर उष्ण रक्त की रक्तिम आभा फ़ैल गयी थी । शरीर पर पहनी हुयी वी गले की ढीली शर्ट बेहद गीली होकर उसके बदन से चिपक कर उसके उभरे सीने और मांसल व्यक्तित्व को बेबाकी से नुमायां कर रही थी । और वह जाने किस जूनून के मद में रुक ही नहीं रहा था । जिद्द ...! हर बात में तेवर ... बस अपनी सुनना .. अपनी कहना और अपनी मानना ....! सनक की हद तक दम्भी .... यही था ...
"तेजस अवस्थी "
अवस्थी एम्पायर का एकलौता वारिस जिसने निःसंदेह ही अवस्थी एम्पायर को बुलंदियों तक पहुंचाया था । पर अपने काम करने के तरीके , किसी को भी ना बक्सने के उसने स्वभाव और तुरंत ही प्रतिक्रया देने की आदत फिर चाहे वह किसी को कितनी भी बुरी क्यों ना लगे ... उसने अपने अनगिनत दुश्मन बनाये थे । उसे कोई उसकी निजी बात, उसके परिवार या फिर दोस्तों के बारे में कह दे तो उसका सब्र का पैमाना बस वही भर जाता था । फिर किसी का मुँह टूटे या फिर हाथ पैर उसे कोई गुरेज नहीं होता था ।
यार .... अब रुक जा तेज ...! ट्रैडमिल की स्पीड और जूनुनी फितरत से दौड़ते देखकर एक बार फिर ओम ने कहा ।
तेजस की नजरे घडी के कांटे पर थी और शरीर के पोर पोर में बिजली कौंध रही थो । जैसे जैसे घडी के कांटे आगे भाग रहे थे तेजस की रफ़्तार उन्हे मात देती हुयी हरपल अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर रही थी । उसके हर एक उठते कदम से स्वेद (पसीने ) की कई लड़िया उसके बदन से मोतियों की तरह टूटकर फर्श पर बेदम होती जा रही थी । पर वह था की पूरे ओज में गतिमान । बलिष्ठ हाथों की मांसपेशिया और उभरता सीना उसके दम्भ की कहानी बता रहें थे । घडी का काँटा एक जोरदार कानफाडू बीप की आवाज से स्थिर हुआ और तेजस ने ट्रेडमिल को बंद किया । उसके चेहरे पर बैगैर किसी शक के जीत की ख़ुशी अपने नए कीर्तिमान के रश्क में दर्ज हो रही थी । वह तौलिया और प्रोटीन ड्रिंक हाथ में उठाए ओम के पास आकर ही फर्श पर लेट गया ।l
ये क्या था तेरा ...?? ओम ने लगभग उसे डपटते हुए कहा । इतना साहस तो बस ओम ही दिखा सकता था वरना औरों की तो औकात भी नहीं थी कि तेजस अवस्थी के सामने सिर उठाकर भी खड़े रहे ।
मैं अपने टारगेट खुद सेट करता हूँ और बीट भी खुद के टारगेट को खुद ही करता हूँ .... और आज तो इसे बीट करना प्रीडीसाइडेड था । वह एक घूंट से अपने गले को तर करता आराम से बोला ।
कम कर अपने ये ऐटिटूड...!! पता है ना कल रात तूने क्या किया है !?
और उसने क्या कहा था भूल गया ...!? तुझे लगता है मैं उसे यूं ही जाने देता ...!? तेजस ने जवाब के बदले सवाल किया तो ओम ने एक गहरी सांस ली ।
तुझे समझाना बेकार है । अंकल ने कहा है ये मामला कोर्ट तक नहीं जाने देना है । बाहर सेटलमेंट होगा ... किसी नए वकील को हायर किया है ताकि बात मीडिया तक लीक ना हो ..!!
ऑय डोंट केयर ...! मुझे फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है जब मैं सही हूँ । उसने अब खिन्नता से दूसरी घूँट भरी थी ।
ओफ़्फ़्फ़ ..... ! अपनी ये एरोगैंसी अपनी गर्लफ्रेंड के लिये संभाल कर रख ...! ओम ने माहौल हल्का करते हुए कहा ।
छोड़ द्रुमों की मृदु छाया ।तोड़ प्रकृति से भी माया ।बोल तेरे बाल जाल में ,कैसे उलझा दूं लोचन ॥ (पंत)
तेजस आँखे बंद किये हुए ही एक एक शब्द स्पष्टता से बुदबुदाया था ।
तू और तेरे पंत साहब ...! वैसे बता दू तुझे अपने लोचनों (आँख) को उलझाने की कोई जरुरत नहीं । तू जैसा है तेरे सामने कोई टिकेगी ही नहीं । तुझे तो कोई ऐसी चहिये जो ऐटिटूड में तुझसे भी दस कदम आगे हो ।
बस सपने देख .... तेजस मुस्कुराया !
सुबह दस बजे कोर्ट रूम ..
मिस दामिनी ... योर फाइनल वर्ड्स बिफोर रेस्टिंग द केस ..चीफ जस्टिस मुरीधरन ने दामिनी की तरफ देखते हुए कहा ..
यस ... योर ऑनर ... जैसा कि मैं पहले ही पड़ोसियों के बयान , मेडिकल रिपोर्ट , डॉक्टर्स की स्टेटमेंट ... और कई वीडियो और ऑडियो क्लिप कोर्ट के समक्ष रख चुकी हूँ । और ये क्रिस्टल क्लियर है कि मेरे मुवक्किल के अरुण शर्मा जिनकी उम्र अड़सठ वर्ष है...के दोनों बेटे उन्हे मानसिक रूप से प्रताड़ित और अपशब्दों का प्रयोग करते है । इनकी बहुयें ये जानते हुये भी कि ये शुगर और किडनी के पेशेंट है भोजन में कोई परहेज नहीं बरतती जिनसे उनकी सेहत और गिरती जा रही है ... जिसके साक्ष्य में मैने मेडिकल रिपोर्ट भी अटैचड की है ... इतना ही नहीं ... मेरे क्लाइंट को घर के काम करने के लिये भी बाध्य किया जाता है । मेरे क्लाइंट चाहते है उनके दोनों बेटे अपनी पत्नियों के साथ फ़ौरन उनका फ्लैट खाली कर दे और उनके गुजारे के लिये भत्ते दे .... थैंक्यू योर ऑनर । सफ़ेद साड़ी और काले कोर्ट में छब्बीस वर्षीय दामिनी का विश्वाश और औरा उसके चेहरे की ही तरह गजब चमक के साथ दमक रहा था और सभी मौन उसे मंत्र मुग्ध बस देखसुन रहे थे ।
मिस्टर सहाय आप अपने क्लाइंट के फेवर में कुछ कहेंगे ..
मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ ... कि मुवक्किल के क्लाइंट की ढलती उम्र है आखिर अंत में उनके बेटे ही सहारा बनेंगे .... इसलिये उन्हे फ्लैट से ना निकाला जाय और वे अब आगे मिस्टर अरुण शर्मा को कोई तकलीफ नहीं देंगे । मिस्टर सहाय अपनी हारी हुयी बाज़ी पर एक और दांव खेला ।
आपके क्लाइंट क्या इस बात से राजी है मिस दामिनी ....
नो योर ऑनर .... अगर बेटे ऐसे हो तो वो हमारे काबिल वकील मिस्टर सहाय को ही मुबारक .... मेरे क्लाइंट की गिरती सेहत इस बात की गवाह है कि उन्हे उनके बेटों पर छोड़ना ... यानी बिल्ली को दूध की रखवाली सौपने जैसा है ... हमने अपने डिमांड जो पहले रक्खे थे वी आर स्टिल स्टिक टू इट ।
दामिनी जैसे ही अपने चैम्बर में आयी वहाँ श्रीवास्तव सर को देखकर उनके चरण स्पर्श कर लिये ..
जीत की बधाईंया .... सहाय जैसे धूर्त वकील को अच्छी पटकनी दी है तुमने .. वो याद रखेगा ... उन्होने कहा तो दामिनी के होठों पर एक हलकी मुस्कराहट आकर चली गयी ।
इस फाइल को स्टडी कर लो और कोशिश करना एफ . आई . आर ना हो । कोर्ट के बाहर ही सेटलमेंट हो जाना चाहिए । उन्होने बहुत संजीदगी से एक फाइल दामिनी के हाथ मे थमाते हुए कहा
जी सर .... पूरी कोशिश करुँगी । श्रीवास्तव सर दामिनी के गुरु समान थे । हमेशा मार्गदर्शन और सपोर्ट किया था उसका । वह उनको इंकार कर ही नहीं सकती थी ।
श्रीवास्तव सर के जाने के बाद दामिनी फाइल रीड करने लगी । हर पन्ने को पढ़ने के साथ उसका गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था ।
रईसजादा ... !! खुद पर भी काबू नहीं .. उसके होठों से ये तंज बेसाख्ता ही निकल पड़ा
लॉ ऑफिस के बाहर हड़कंप मच गया जब एक लम्बी महंगी चमचमाती कार ऑफिस के बाहर रुकी । कार का गेट खुला और एक के बाद एक दो जूतों के साथ अपने महंगे ब्रांडेड ब्लेसर को एडजस्ट करता वो अपने शेड को अपने एक हाथ से आँखों से तनिक भर अलग करता है ।और ऐसा करने से उसके हाथों में पहनी हुयी लाखों की ब्रांडेड घडी का रिफ्लेक्शन हीरे की चमक को मात देता जगमगा उठता है । वह अपने शेड को दुबारा आँखों पर चढ़ाता है और बगल में नजर फेरता है । ओम अब उसके पास खड़ा था । वह अपनी बुलंद चाल से अपने कदम आगे बढ़ा देता है ।
बताइए ...! आपने क्या किया और क्यों ...? दामिनी फाइल में झुके हुए कुछ पॉइंट अंडरलाइन करती हुयी सपाट लहजे में बोली ।
मैने कुछ नहीं किया ...! अपने आप को इस बेमुरौवत तरीके से अनदेखा किये जाने से वह आपादमस्तक अग्निग्रस्त था । उसपर दामिनी का लहजा वह बुरी तरह किलस गया था ।
और क्यों ....? वह क्षण भर भी नहीं ठिठकी थी ।
उसकी ज़बान ....!! ऐसी ज़बान पर जितनी पड़ी वह कम ही थी । एक बार तेजस की आँखे क्रोध से फ़ैल गयी थी ।
पर अभी तो आपने कहा आपने कुछ किया ही नहीं है और अभी पूरी शान से अपने किये का एक्सेप्टेन्स दे रहे । इस बार दामिनी उसके झेंपे झेंपे चेहरे से पूरी तरह से मुख़ातिर हुयी थी ।
वह इतनी जल्दी उसके बातों में उलझ जाएगा ऐसा तो उसके वहम- ओ - गुमान में भी नहीं था । वह अब फटी फटी आँखों से उसे देख रहा था ।
अपने स्टेटमेंट पर स्टिक रहिए मिस्टर अवस्थी । खैर ....आपने ओवर ड्रिंक की थी ? कोई ड्रग्स वैगराह ..... वह अपनी भंवे उचकाती बोली ...
वह तो अभी उसके पहले सवाल से झुलस रहा था और दामिनी ने दूसरा वैसा ही दिल जलाने वाला सवाल करके उसे और झुलसा दिया और इस बार वह भी पूरे तेवर के साथ तंज में बोला ।
हां ... छोटा राजन का जुड़वा भाई हूँ ना .... बिज़नेस की आड़ में ये मेरा फेवरेट साइड बिज़नेस है ।वह गुस्से से बिलबिलाता डेस्क पर अपने हाथ पटकते हुए बोला ..
और उसे सोचते देख ....अपने जवाब पर आत्मसंतुष्टि से इतरा भी नहीं पाया था कि दामिनी ने एक और सवाल किया ।
आपने किसी हथियार का इस्तेमाल किया था ..?
व्हाट ....!! मैं कोई क्रिमिनल नहीं हूँ जो हथियार साथ लेकर घूमूं ..! क्या समझ रही है आप मुझे ...? उसका रुख कड़ा होने के साथ बेकाबू होता जा रहा था ।
आपको समझना मेरा काम नहीं है । मेरा काम केस को समझना है इसलिए मुझे आपसे डिटेल्स चाहिए । उमींद है आप कोआपरेट करेंगे ...! रेस्टॉरेंट के मालिक ने आपपर तोड़ फोड़ का ऐलीगेशन चार्ज किया है और उस नमन मेहरा को मल्टीप्ल फ्रैक्चर हुए है ....जो उसे अपनी गर्लफ्रेंड को आपसे बचाते वक्त लगे ... हाउ वुड यू जस्टिफाई ...?? सब यूं ही अपनेआप तो नहीं हो सकता ना ..! बेहतर होगा आप शुरू से मुझे सारी बाते बताए ।
वह जिसके आगे पीछे लड़किया मक्खियों की तरह भिनभिनाती रहती थी दामिनी के तपाक से झिड़क देने से उसे लगा जैसे किसीने उसकी अना को बुरी तरह रौंध दिया हो । उसे बस अब एक जरिया की जरुरत थी जिससे वह दामिनी के कद को छोटा कर पाता । पर फिलहाल तो वह बस उबल ही रहा था ।
व्हाई शुल्ड ऑय जस्टिफाई माइसेल्फ .... मैं ये करूँगा तो आप क्या करेंगी .... और ... बताने जैसा कुछ नहीं हैl वह अपनी औकात से ज्यादा बोल रहा था मैने उसे सिर्फ उसे उसकी औकात याद दिलाई थी । अब तो वह जानबूझ कर दामिनी को कुछ नहीं बता रहा था ।
आपने सिर्फ कहा ना ... आपको बता दू आपके इस सिर्फ के लिये आपको धारा 319 से लेकर 338 तक चार्जेज डाले जा सकते है । धारा 319 किसी व्यक्ति को शारीरिक पीड़ा पहुंचना धारा 320 गंभीर चोट पहुंचना धारा 321 स्वेछा से किसी को शारीरिक नुक्सान पहुंचना धारा 326 गंभीर प्रकृति का घाव देना धारा 324 खतरनाक हथियार इतेमाल करना ...
कुर्सियां यूं ही नहीं टूटी होंगी मिस्टर अवस्थी । वह खुद को घूरते हुए तेजस को सिर्फ एक बार देखी थी । और इसके लिये आपके ऊपर 2000 रुपए का जुर्माना और तीन महीने से लेकर तीन साल तक की जेल हो सकती है ... सिर्फ ..! दामिनी ने सिर्फ शब्द पर खासा जोर दिया था ।
क्रमशः
क्षितिज के पुष्प
अपना मूल्यांकन अवश्य करे
सुनीता रॉय