Mere shabd meri pahchan book and story is written by Shruti Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mere shabd meri pahchan is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरे शब्द मेरी पहचान - Novels
by Shruti Sharma
in
Hindi Poems
----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो ।।वो पानी की क्या जो प्यास न भरे ,वो साथी ही क्या जो विशवास न करे ,एक दोस्त का तो जन्म सिद्ध अधिकार होता है अपने दोस्त को पकााना ,पर वो दोस्त ही क्या जो बकवास न करे ,वो दोस्त ही क्या जिस पे ऐतबार न हो । वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो ।।वो जिंदगी ही क्या जो इम्तिहान
----वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो----वो दोस्ती ही क्या जिसमें प्यार न हो ,वो सफलता ही क्या जिसमें इन्तजार न हो , दोस्ती तो दो आत्माओं का मिलन है ,पर वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न ...Read More।।वो पानी की क्या जो प्यास न भरे ,वो साथी ही क्या जो विशवास न करे ,एक दोस्त का तो जन्म सिद्ध अधिकार होता है अपने दोस्त को पकााना ,पर वो दोस्त ही क्या जो बकवास न करे ,वो दोस्त ही क्या जिस पे ऐतबार न हो । वो दोस्ती ही क्या जिसमें तक़रार न हो ।।वो जिंदगी ही क्या जो इम्तिहान
मेरी पहली कविता जो माँ पे थी ---- माँ ----एक माँ दोस्त का , बहन का सबका फर्ज निभाती है,फिर भी क्यो दुखी रह जाती है।अपना दुख भुला के अपने बच्चों के साथ घुल मिलजाती है,कभी माँ बनकर डाटती ...Read Moreतो कभी बहन बनकर हँसाती है।अपने बच्चों को सब कुछ देकर उनका पेट भरती है,मगर खुद कुछ खाए बिना हीउनकी खुशी से अपना पेट भर लेती है।कभी अपना दुख भूल के अपने बच्चों के साथ खुश होती है,तो कभी अपनी खुशी भुला के अपने बच्चों के साथ दुखी होती है,तभी तो हर पल, हर क्षण, हर जगह माँ ही याद आती है।।माँ ही याद आती है।।-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×----
---- पुलवामा के वीर ----प्रेम के इस अवसर पर तुम भूल न जाना उन जवानों की शहादत को,जो जाते जाते भी मात दे गए पुलवामा में आई आफत को।प्रेम के ही दिन जो कर बैठे मौत से सौदा अपना ...Read Moreप्रेम दिखाने की चाहत को।तहे दिल से शीष झुकाकर नमन है भारत माँ के उन वीर सपूतों को,जो दे गए बलिदान मगर झुकने ना दिया अपने वतन की अमानत को।।करते हैं हम सलाम हर एक जाँबाज़ फौजी की ताकत को,जो कर देते हैं ढेर हर आतंकी की सीमा पार आने की हिमाकत को।यूं पीठ पीछे वार कर बता गए तुम अपने गीदड़ होने
---- एक बीज भी कभी पेड़ होगा ----रख सबर एक एसा भी समा होगा जो तेरी काबिलियत का गवाह होगा ना दे तू ध्यान उन तानों पर जो दुनिया द्वारा बेवजह होगा समय खुद देगा तेरी कला का प्रमाण ...Read Moreउस समय का आवाहन होगा और ये ताना क्षणो में ही हवा होगा रख सबर एक एसा भी समा होगा।सब कुछ होगा साकार जब खुद के भीतर हौंसला होगा ना करना कभी खुद पर घमंड वरना तेरे अहंकार में ज़रूर एक दिन छेद होगा और याद रखना मेरी ईस बात को की एक बीज भी कभी पेड़ होगा एक बीज भी कभी पेड़ होगा।।रख सबर एक एसा भी समा होगा जो तेरी काबिलियत का
--- जीत का एहसास ----की जीत उसी का हिस्सा होगा ,जिसमें पराक्रम का वास होगा ,लालसा का जिसमें नास होगा ,बल के साथ साथ बुद्धि का भी हाथ होगा ,जो प्रभु की हर एक परीक्षा में पास होगा ,जो ...Read Moreअपने कर्मों का ही दास होगा ,जिसे औरों के दुख दर्द का भी आभास होगा ,जिसे औरों पर नही सिर्फ खुद पर विश्वास होगा ,सही मायने में उसी ही जीत का एहसास होगा।।उसे ही जीत का एहसास होगा ।।-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×----- मुस्कान ----मुस्कान है एक सुंदर तौफा,मिलता नही दोस्त बनाने का इससे अच्छा मौका,मिल जाती है जिसे अपने दोस्त की मुस्कान,हो जाता है