hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • रक्षाबंधन

    रक्षाबंधन मेरी इंदिरा...

  • खट्टी कैरी

    खट्टी कैरी “आज मैं बिलकुल भी नहीं रुकूँगी, सीधे घर जाऊँगी, रोजाना माँ से डांट खा...

  • लाल बत्ती

    लाल बत्ती आइ सी यू में अपने जीवन से संघर्ष कर रही स्नेहा के बारे में सोचते हुए व...

निश्छल प्रेम By Ved Prakash Tyagi

निश्छल प्रेम “बेटा तू खुश तो है ना अपनी नौकरी से?” माँ मेरठ के एक छोटे से गाँव से पुणे में बात कर रही थी, कुछ ही दिन पूर्व बेटी ने आइ आर एस की परीक्षा प्रथम स्थान पाकर सफल की थी, त...

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सेटल By Swati Grover

सौम्या मेट्रो मे बैठी अपने स्टेशन का इंतज़ार कर रही थी ! वह रोज़ रिठाला एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने जाती है फिर वापिस अपने घर जाने के लिए इंदरलोक मेट्रो स्टेशन पर उतरती है! वहा...

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बदतमीज़ी By Saadat Hasan Manto

“मेरी समझ में नहीं आता कि आप को कैसे समझाऊं”

“जब कोई बात समझ में न आए तो उस को समझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए”

“आप तो बस हर बात पर गला घूँट देते हैं आप ने ये तो पूछ लिया ह...

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मन की ख़ुशी By Vandna Sharma

ख़ुशी की तलाश में हम दूर तक गए इधर न मिली ,उधर ना मिली यहाँ ना मिली ,वहां ना मिली मिली तो मेरे मन में मिली बैठी थी एक कोने में लगी थी रोने -धोने में मैंने पूछा -ये क्या बात हुई ?नाम...

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आओ बहनों चुगली करें By Asha Rautela

आओ बहनों चुगली करें पहला दृश्यएक मध्यमवर्गीय परिवार का दृश्य(बहू, सास आपस में बातें कर रहें तभी गौरव आता है। गौरव सर...

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जब घर में चूहा आ गया By Ved Prakash Tyagi

जब घर में चूहा घुस गया “लगता है हमारे घर चूहा आ गया है और देखो घर में चूहा आना अशुभ माना जाता है।” सुबह सुबह शर्मा जी अखबार में नजर गड़ाए बैठे चाय की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी पत्नी न...

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मर्सिडीज बेंज वाला गरीब By Ajay Amitabh Suman

राजेश दिल्ली में एक वकील के पास ड्राईवर की नौकरी करता था। रोज सुबह समय से साहब के पास पहुंचकर उनकी मर्सिडीज बेंज की सफाई करता और साहब जहाँ कहते ,उनको ले जाता। अपने काम में पूरी त...

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बदलने की जरूरत By r k lal

बदलने की जरूरतआर 0 के0 लाल घंटी की आवाज सुनकर दरवाजा खोलने पर मैंने देखा कि मेरे एक सहकर्मी खड़े है। उन्होंने कहा “आज रविवार है, सोचा आप घर पर ही होंगे, चलकर आपका हाल-चाल पूंछ आए।”...

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हेप्पी न्यु यर By Deepak Saxena

ये उस दौर की बात है जब न लोगो के पास फोन हुआ करते थे और जिन इक्का दुक्का लोगो के पास फोन होते भी थे तो उनमे ये फेसबुक और watsapp जैसी चीजे नहीं हुआ करती थी इन सब चीज़ो की ही देन है...

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समझौता... By Rajesh Maheshwari

समझौता राम सिंह एक गरीब व्यक्ति था जो कि शहर के पिछडे इलाके में अपने एक पुत्र महेश और पुत्री प्रियंका...

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संवेदना By Surendra Tandon

मध्यमवर्गीय परिवार के रितुराज संगीत सीखने के दिवाने थे , आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण विधिवत संगीत सीखने से वंचित रह गए । आवाज उनकी खुली-साफ थी क्योंकि उनके पिता अच्छे गवैय्या...

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दोपहर की रात - हर्निल By Harsh Bhatt

आज फिर में उसके घर के सामने की छत पर खड़ा हूँ पर वो वहां नही है। दिल में एक अजब सी परेशानी दौड़ गई कि जैसे मेने फिर से कुछ खो दिया हो... बात उन दिनों की है जब वो...

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एक विलक्षण चित्रकार By Bhupendra kumar Dave

एक विलक्षण चित्रकार मैं एक हाथ में लाठी लिये जमीन को टटोलता और दूसरे हाथ को फेंसिंग दीवार पर सरकाता जा रहा था। मुझे फेंसिंग दीवार का अंत ही नजर नहीं आ रहा था। शायद इस ओर फाटक...

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नमक बेईमानी का By Ajay Amitabh Suman

अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्र...

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पहला प्यार. By Asha Rautela

पहला प्यार नैना से मेरी मुलाकात उन दिनों हुई जब मैं नवभारत टाइम्स में नौकरी करता था। मैं रोज बहादुर गढ़ से शिवाजी पार्क ट्रेन से जाया करता था उसी ट्रेन में नैना भी जाया करती थी। व...

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तबस्सुम रहमान - सब एडिटर By SURENDRA ARORA

तबस्सुम रहमान - सब एडिटर " विजय साहब , मुझे मेरा हक़ चाहिए । " " तबस्सुम मेम , जिसकी तुम्हें तमन्ना थी , वो सब कुछ तो तुम्हें दे दिया गया था ।इतने सालों बाद , अब बाकी क्या रह ग...

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चिड़िया By Kazi Taufique

मै शहर के खराब  वातावरण से काफी त्रस्त था। जिस के कारण मैने अपना निवास स्थान शहर से दूर बनाया था। वहां की हवा बहुत साफ़ थी। वहां की हवा वहां का जल सबकुछ बहोत अच्छा था।उस स्थान...

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बिछिया By Ajay Amitabh Suman

अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने...

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बुधिया By Asha Rautela

बुधिया आज स्कूल में जब टीचर ने पेड़-पौधों का महत्त्व समझाया तो पूर्वी को अपनी गलती का अहसास हुआ कि एक सप्ताह पहले अपने जन्मदिन पर जब उसके माली की बेटी बुधिया ने उसे आम का पौधा उपहार...

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Kavita By Chanda fulara

चंदा फुलारा जन्मतिथिः 31 मार्च शिक्षाः एम.ए.;हिंदी संप्रतिः स्वतंत्र लेखन हिंदी की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मे कविताएँ प्रकाशित।संपर्कः ई-90 सैक्टर-72 नोएडा 110077मो.- 9711221294 मेर...

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स्वर्ग के राक्षस By Ved Prakash Tyagi

स्वर्ग के राक्षस “भैया मेरी बात मानो और अब धीरे धीरे अपना कारोबार श्रीनगर से समेट कर जम्मू में जमाना शुरू कर दो, जिस तरह यहाँ पर कट्टरवाद और आतंकवाद बढ़ रहा है कुछ दिन बाद हम पंडितो...

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चक्का जाम By ARUN SINGH

                                   (1) दिपेश अपनी मोबाइल में कुछ देखने के बाद पत्नी स...

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फ़ातो By Saadat Hasan Manto

तेज़ बुख़ार की हालत में उसे अपनी छाती पर कोई ठंडी चीज़ रेंगती महसूस हुई। उस के ख़्यालात का सिलसिला टूट गया। जब वो मुकम्मल तौर पर बेदार हुआ तो उस का चेहरा बुख़ार की शिद्दत के बाइस तिमतिम...

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कुलदीपक By Rajesh Maheshwari

कुलदीपक रामसिंह शहर के एक उद्योगपति है। जिनका छः वर्षीय बेटा रमेश है। रामसिंह प्रायः प्रतिदिन अपने बेटे को प्रेरणादायक कहानियाँ व संस्मरण सुनाते...

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सच बोले By H M Writter0

एक राजा था उसे चित्र बनाने का बहुत शौक था वह चित्र बनाने का बहुत प्रयास करता था लेकिन वह सही तरीके से चित्र नहीं बना पाता था सुबह सुबह राजा रोज एक चित्र बनाता और दोपहर के टाइम...

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रक्षाबंधन By Rajesh Maheshwari

रक्षाबंधन मेरी इंदिरा नाम की एकमात्र बहन के स्वास्थ्य में अचानक गिरावट आने लगी थी और वह दिनोदिन कमजोर होती जा रही थी। चिकि...

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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ By Asha Rautela

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ रविवार का दिन था। सुबह वेफ लगभग 10 बजे होंगे। बच्चे पार्क में खेल रहे थे और मम्मी धूप सेक रही थीं। तभी उन्हें ढोल की आवाज सुनाई दी। बच्चो ने देखा कि उनके म...

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खट्टी कैरी By Ved Prakash Tyagi

खट्टी कैरी “आज मैं बिलकुल भी नहीं रुकूँगी, सीधे घर जाऊँगी, रोजाना माँ से डांट खानी पड़ती है सब बच्चे तो स्कूल से जल्दी आ जाते हैं, तू कहाँ रह जाती है इतनी देर तक” योगेश को इतना कहकर...

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Papa aap kaha chale gye By zeba Praveen

त्यौहारों की ख़ुशी सबसे ज़्यादा बच्चो में होती हैं,या यूँ कह्ने बच्चो की वजह से ही त्यौहार अच्छे लगते हैं,दोनों शब्द अलग हैं और थोड़े बहुत मायने भी लेकिन सच तो यह हैं कि बच्चे ही त्यौ...

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बातों बातों में By c P Hariharan

बातों बातों में करण और किरण की पहली मुलाकात कालेज आते जाते मेट्रो में ही हुई थी I उन्होंने प्लस टू पास...

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चेहरे पर चेहरा By Rajesh Maheshwari

चेहरे पर चेहरा रामसिंह नाम का एक व्यक्ति था, वह पेशे से डाक्टर था। वह बहुत से लोगों को नौकरी पर रखे था। उसने यह प्रचारित किया था कि वह जनता...

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मुन्नी और विन्नी By Asha Rautela

मुन्नी और विन्नी मुन्नी अपने मम्मी-पापा की इकलौती सन्तान थी इसलिए वह बहुत जिददी हो गई थी। जब उसके दादा जी उन लोंगों के साथ रहने लगे तो मुन्नी को यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी। व...

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लाल बत्ती By Ved Prakash Tyagi

लाल बत्ती आइ सी यू में अपने जीवन से संघर्ष कर रही स्नेहा के बारे में सोचते हुए वहीं कुर्सी पर बैठे बैठे डॉ रमन को नींद की झपकी आ गयी। पूरे चौबीस घंटे की ड्यूटि लोक नायक अस्पताल के...

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पूजा By Ajay Amitabh Suman

पूजा राकेश अपने दोस्तों के साथ खेल के मैदान में फुटबॉल खेल रहा था। शाम का समय था और हवा धीरे धीरे बह रही थी। फुटबॉल के खेल में सारे बच्चे मशगूल थे। वह कोशिश कर रहे थे कि जितनी जल्द...

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बेगुनाह गुनेहगार 19 By Monika Verma

सुहानी की सच्चाई ब्रिजेश के सामने आ चुकी है। के सवालों के जवाब है जो आज सुहानी को मिलने वाले है। ब्रिजेश सुहानी को एक के बाद एक सारे राज बता रहा है। सुहानी को ये पता चल गया कि शोगत...

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हीर की मज़ार By Sushank Patil

हीर की मज़ार“वकिल साहब आपके लिए चिठ्ठी आयी है” – रवि ने वकील बिशन सिंह को नीचे से आवाज़ लगाई। वकील साहब की ओर से जवाब न आता देख रवि ने उपर की मंज़िल पर जाना ही ठिक समझा। रवि ने वकिल स...

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निश्छल प्रेम By Ved Prakash Tyagi

निश्छल प्रेम “बेटा तू खुश तो है ना अपनी नौकरी से?” माँ मेरठ के एक छोटे से गाँव से पुणे में बात कर रही थी, कुछ ही दिन पूर्व बेटी ने आइ आर एस की परीक्षा प्रथम स्थान पाकर सफल की थी, त...

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सेटल By Swati Grover

सौम्या मेट्रो मे बैठी अपने स्टेशन का इंतज़ार कर रही थी ! वह रोज़ रिठाला एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने जाती है फिर वापिस अपने घर जाने के लिए इंदरलोक मेट्रो स्टेशन पर उतरती है! वहा...

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बदतमीज़ी By Saadat Hasan Manto

“मेरी समझ में नहीं आता कि आप को कैसे समझाऊं”

“जब कोई बात समझ में न आए तो उस को समझाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए”

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मन की ख़ुशी By Vandna Sharma

ख़ुशी की तलाश में हम दूर तक गए इधर न मिली ,उधर ना मिली यहाँ ना मिली ,वहां ना मिली मिली तो मेरे मन में मिली बैठी थी एक कोने में लगी थी रोने -धोने में मैंने पूछा -ये क्या बात हुई ?नाम...

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आओ बहनों चुगली करें By Asha Rautela

आओ बहनों चुगली करें पहला दृश्यएक मध्यमवर्गीय परिवार का दृश्य(बहू, सास आपस में बातें कर रहें तभी गौरव आता है। गौरव सर...

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जब घर में चूहा आ गया By Ved Prakash Tyagi

जब घर में चूहा घुस गया “लगता है हमारे घर चूहा आ गया है और देखो घर में चूहा आना अशुभ माना जाता है।” सुबह सुबह शर्मा जी अखबार में नजर गड़ाए बैठे चाय की प्रतीक्षा कर रहे थे तभी पत्नी न...

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मर्सिडीज बेंज वाला गरीब By Ajay Amitabh Suman

राजेश दिल्ली में एक वकील के पास ड्राईवर की नौकरी करता था। रोज सुबह समय से साहब के पास पहुंचकर उनकी मर्सिडीज बेंज की सफाई करता और साहब जहाँ कहते ,उनको ले जाता। अपने काम में पूरी त...

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बदलने की जरूरत By r k lal

बदलने की जरूरतआर 0 के0 लाल घंटी की आवाज सुनकर दरवाजा खोलने पर मैंने देखा कि मेरे एक सहकर्मी खड़े है। उन्होंने कहा “आज रविवार है, सोचा आप घर पर ही होंगे, चलकर आपका हाल-चाल पूंछ आए।”...

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हेप्पी न्यु यर By Deepak Saxena

ये उस दौर की बात है जब न लोगो के पास फोन हुआ करते थे और जिन इक्का दुक्का लोगो के पास फोन होते भी थे तो उनमे ये फेसबुक और watsapp जैसी चीजे नहीं हुआ करती थी इन सब चीज़ो की ही देन है...

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समझौता... By Rajesh Maheshwari

समझौता राम सिंह एक गरीब व्यक्ति था जो कि शहर के पिछडे इलाके में अपने एक पुत्र महेश और पुत्री प्रियंका...

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संवेदना By Surendra Tandon

मध्यमवर्गीय परिवार के रितुराज संगीत सीखने के दिवाने थे , आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण विधिवत संगीत सीखने से वंचित रह गए । आवाज उनकी खुली-साफ थी क्योंकि उनके पिता अच्छे गवैय्या...

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दोपहर की रात - हर्निल By Harsh Bhatt

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एक विलक्षण चित्रकार By Bhupendra kumar Dave

एक विलक्षण चित्रकार मैं एक हाथ में लाठी लिये जमीन को टटोलता और दूसरे हाथ को फेंसिंग दीवार पर सरकाता जा रहा था। मुझे फेंसिंग दीवार का अंत ही नजर नहीं आ रहा था। शायद इस ओर फाटक...

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नमक बेईमानी का By Ajay Amitabh Suman

अरोड़ा साहब का कपड़ों के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट का दिल्ली में बहुत बड़ा कारोबार था। अक्सर वो चीन के व्यापारियों से संपर्क करके उनसे कपड़ों के एक्सपोर्ट का आर्डर लेते, फिर अपनी फैक्ट्र...

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पहला प्यार. By Asha Rautela

पहला प्यार नैना से मेरी मुलाकात उन दिनों हुई जब मैं नवभारत टाइम्स में नौकरी करता था। मैं रोज बहादुर गढ़ से शिवाजी पार्क ट्रेन से जाया करता था उसी ट्रेन में नैना भी जाया करती थी। व...

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तबस्सुम रहमान - सब एडिटर By SURENDRA ARORA

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बिछिया By Ajay Amitabh Suman

अनिमेश आठवीं कक्षा का विद्यार्थी था । बचपन से हीं अनिमेश के पिताजी ने ये उसे ये शिक्षा प्रदान कर रखी थी कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक आदमी का योग्य होना बहुत जरुरी है। अनिमेश अपने...

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बुधिया By Asha Rautela

बुधिया आज स्कूल में जब टीचर ने पेड़-पौधों का महत्त्व समझाया तो पूर्वी को अपनी गलती का अहसास हुआ कि एक सप्ताह पहले अपने जन्मदिन पर जब उसके माली की बेटी बुधिया ने उसे आम का पौधा उपहार...

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चंदा फुलारा जन्मतिथिः 31 मार्च शिक्षाः एम.ए.;हिंदी संप्रतिः स्वतंत्र लेखन हिंदी की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मे कविताएँ प्रकाशित।संपर्कः ई-90 सैक्टर-72 नोएडा 110077मो.- 9711221294 मेर...

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स्वर्ग के राक्षस By Ved Prakash Tyagi

स्वर्ग के राक्षस “भैया मेरी बात मानो और अब धीरे धीरे अपना कारोबार श्रीनगर से समेट कर जम्मू में जमाना शुरू कर दो, जिस तरह यहाँ पर कट्टरवाद और आतंकवाद बढ़ रहा है कुछ दिन बाद हम पंडितो...

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चक्का जाम By ARUN SINGH

                                   (1) दिपेश अपनी मोबाइल में कुछ देखने के बाद पत्नी स...

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फ़ातो By Saadat Hasan Manto

तेज़ बुख़ार की हालत में उसे अपनी छाती पर कोई ठंडी चीज़ रेंगती महसूस हुई। उस के ख़्यालात का सिलसिला टूट गया। जब वो मुकम्मल तौर पर बेदार हुआ तो उस का चेहरा बुख़ार की शिद्दत के बाइस तिमतिम...

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कुलदीपक By Rajesh Maheshwari

कुलदीपक रामसिंह शहर के एक उद्योगपति है। जिनका छः वर्षीय बेटा रमेश है। रामसिंह प्रायः प्रतिदिन अपने बेटे को प्रेरणादायक कहानियाँ व संस्मरण सुनाते...

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रक्षाबंधन By Rajesh Maheshwari

रक्षाबंधन मेरी इंदिरा नाम की एकमात्र बहन के स्वास्थ्य में अचानक गिरावट आने लगी थी और वह दिनोदिन कमजोर होती जा रही थी। चिकि...

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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ By Asha Rautela

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ रविवार का दिन था। सुबह वेफ लगभग 10 बजे होंगे। बच्चे पार्क में खेल रहे थे और मम्मी धूप सेक रही थीं। तभी उन्हें ढोल की आवाज सुनाई दी। बच्चो ने देखा कि उनके म...

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खट्टी कैरी By Ved Prakash Tyagi

खट्टी कैरी “आज मैं बिलकुल भी नहीं रुकूँगी, सीधे घर जाऊँगी, रोजाना माँ से डांट खानी पड़ती है सब बच्चे तो स्कूल से जल्दी आ जाते हैं, तू कहाँ रह जाती है इतनी देर तक” योगेश को इतना कहकर...

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Papa aap kaha chale gye By zeba Praveen

त्यौहारों की ख़ुशी सबसे ज़्यादा बच्चो में होती हैं,या यूँ कह्ने बच्चो की वजह से ही त्यौहार अच्छे लगते हैं,दोनों शब्द अलग हैं और थोड़े बहुत मायने भी लेकिन सच तो यह हैं कि बच्चे ही त्यौ...

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बातों बातों में By c P Hariharan

बातों बातों में करण और किरण की पहली मुलाकात कालेज आते जाते मेट्रो में ही हुई थी I उन्होंने प्लस टू पास...

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चेहरे पर चेहरा By Rajesh Maheshwari

चेहरे पर चेहरा रामसिंह नाम का एक व्यक्ति था, वह पेशे से डाक्टर था। वह बहुत से लोगों को नौकरी पर रखे था। उसने यह प्रचारित किया था कि वह जनता...

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मुन्नी और विन्नी By Asha Rautela

मुन्नी और विन्नी मुन्नी अपने मम्मी-पापा की इकलौती सन्तान थी इसलिए वह बहुत जिददी हो गई थी। जब उसके दादा जी उन लोंगों के साथ रहने लगे तो मुन्नी को यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी। व...

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लाल बत्ती By Ved Prakash Tyagi

लाल बत्ती आइ सी यू में अपने जीवन से संघर्ष कर रही स्नेहा के बारे में सोचते हुए वहीं कुर्सी पर बैठे बैठे डॉ रमन को नींद की झपकी आ गयी। पूरे चौबीस घंटे की ड्यूटि लोक नायक अस्पताल के...

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पूजा By Ajay Amitabh Suman

पूजा राकेश अपने दोस्तों के साथ खेल के मैदान में फुटबॉल खेल रहा था। शाम का समय था और हवा धीरे धीरे बह रही थी। फुटबॉल के खेल में सारे बच्चे मशगूल थे। वह कोशिश कर रहे थे कि जितनी जल्द...

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बेगुनाह गुनेहगार 19 By Monika Verma

सुहानी की सच्चाई ब्रिजेश के सामने आ चुकी है। के सवालों के जवाब है जो आज सुहानी को मिलने वाले है। ब्रिजेश सुहानी को एक के बाद एक सारे राज बता रहा है। सुहानी को ये पता चल गया कि शोगत...

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हीर की मज़ार By Sushank Patil

हीर की मज़ार“वकिल साहब आपके लिए चिठ्ठी आयी है” – रवि ने वकील बिशन सिंह को नीचे से आवाज़ लगाई। वकील साहब की ओर से जवाब न आता देख रवि ने उपर की मंज़िल पर जाना ही ठिक समझा। रवि ने वकिल स...

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