मुसाफिर की सोच...।
इस धरती पर खड़ा,
       हर कोई इंसान एक मुसाफिर है।
वह सब अपने आगे आने वाले,
       रास्ते के बारे में सोचते हैं। 
उस सोच में सब को आगे आने वाले,
        रास्ते में फूल ही चाहिए।
किसी को भी पूछोगे,
           कोई नहीं बोलेगा मुझे कांटा चाहिए।
लेकिन रास्ते में कांटे ही नहीं होगे,
            तो फिर फूल की अहमियत कैसे पता चलेगी।
अब सोचोगे तो पता चलेगा कि,
        जिंदगी इतनी खूबसूरत चीज क्यू हैं?
क्योंकि इस सफर में कांटे और फूल,
            दोनों की अहमियत है।