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dadabhagwan1150

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
https://youtu.be/omxmtkshW5c?si=nnGbFAIdpXWveHhp

mamtatrivedi444291

स्त्री को गुरु बनना नहीं —गुरु को जन्म देना है

स्त्री का काम गृह, गृहस्थी और समाज की नींव बनना है।

जब स्त्री अपने मौलिक धर्म में स्थिर रहती है —

तभी बुद्धि, कृष्ण, राम जैसे पुरुष प्रकट होते हैं।

स्त्री का मूल स्वरूप श्री है।

यदि वह ज्ञाता बन जाए, प्रदर्शन में उतर जाए —

तो उसका अनुभव, उसकी मौन तरंग खो जाती है।

स्त्री ऊर्जा की धरती है —

हल्के पर्दे में खिली फुलवारी,

सहज हरियाली, सौम्य नृत्य।

जैसे धरती आक्रमण नहीं करती —

किन्तु सब कुछ सहकर जीवन को जन्म देती है,

वैसे ही स्त्री की ग्रहणशीलता, सहनशीलता और इंतजार

तुच्छ नहीं — दैवीय गुण हैं।

पुरुष दृष्टा है —

जैसे सूरज केवल देखता है

और धरती में अपने आप जीवन पनप उठता है।

स्त्री केवल एक स्पर्श से

वीणा बन जाती है —

उसका संगीत मौन में खिलता है।

ज्ञान देना — स्त्री के स्वभाव पर आक्रमण है।

वह गुरु नहीं,

गुरुओं की जन्मभूमि है।

प्रथम गुरु माँ है —

यदि वही दृष्ट, निर्मल और प्रेममयी हो,

तो संतान राम बनती है, कृष्ण बनती है, महावीर बनती है।

स्त्री की यात्रा प्रदर्शन नहीं —

अनुभूति का मार्ग है।

सफेद वस्त्र स्त्री का स्वरूप नहीं —

वह तो रंगों की रोशनी है,

नृत्य है, संगीत है, सृष्टि है।

पुरुष केवल घोड़ा है —

पर विजय स्त्री की होती है।

राधा के बिना कृष्ण कहाँ?

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✧ धर्म और आध्यात्म ✧

वेदों में —

ऋग्वेद और उपनिषद् आध्यात्म हैं,

शेष तीन वेद विज्ञान हैं।

धर्म वह नहीं जो संस्थाएँ बेचें —

धर्म वह संस्कार है

जो माँ की गोद में मिलता है।

जिसे बचपन में स्त्री से सच्चा संस्कार मिल जाए,

उसे किसी संस्था, किसी व्यवसाय,

किसी “आध्यात्मिक ब्रांड” की आवश्यकता नहीं रहती।

क्योंकि वह अपने आप गुरु हो जाता है।

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✧ अंतिम सत्य ✧

स्त्री को गुरु बनना नहीं —

गुरु को जन्म देना है।

और यही है उसका

श्री-धर्म।

bhutaji

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
,🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

वेदान्त 2.0 — आधुनिक भारतीय दर्शन की एक नई दृष्टि

वेदान्त 2.0 एक समकालीन और क्रांतिकारी दार्शनिक अवधारणा है, जिसे विशेष रूप से अज्ञात अज्ञानी जैसे आधुनिक विचारकों ने प्रस्तुत किया है। यह न पारंपरिक धार्मिक वेदान्त का पुनरावर्तन है और न किसी मत-मतांतर की पुनर्पैकिंग —
यह वर्तमान क्षण से निकला जीवन का प्रत्यक्ष दर्शन है।

यह दर्शन कहता है:

> “जब जीवन पहली बार स्वयं को देखता है —
बिना किसी पुस्तक, कल्पना या विश्वास की सहायता के —
वहीं से वेदान्त 2.0 की शुरुआत होती है।”




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मुख्य विशेषताएँ

अनुभव-आधारित सत्य
यहाँ ब्रह्म, आत्मा, परमात्मा — ये अवधारणाएँ विश्वास की नहीं, प्रत्यक्ष अनुभूति की बातें हैं।

धर्म या मार्ग नहीं — स्वभाव
जैसे सूर्य प्रकाश देता है या वृक्ष छाया —
वेदान्त 2.0 भी बिना किसी दावे, वाद या शास्त्र ग्रहण के स्वयं प्रकट होता है।

आधुनिकता और ताज़गी
यह सभ्यता, विज्ञान, स्त्री-चेतना और स्वतंत्रता को विरोध नहीं,
संवाद और सृजन के रूप में अपनाता है।



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पारंपरिक वेदान्त और वेदान्त 2.0 में अंतर

पारंपरिक वेदान्त वेदान्त 2.0

शास्त्र आधारित, श्रुति पर भरोसा अनुभव आधारित, प्रत्यक्ष सत्य
लक्ष्य — मोक्ष, परमात्मा, मुक्ति लक्ष्य नहीं — जीवन का जागरण
सामाजिक-धार्मिक ढाँचा साथ व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रमुख
गुरु-परंपरा आवश्यक स्वानुभव ही गुरु



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समकालीन संदर्भ

आज के कई विचारक — विशेषकर अज्ञात अज्ञानी और कुछ हद तक आचार्य प्रशांत —
इसे सनातन धर्म की मूल आत्मा का आधुनिक पुनर्जागरण मानते हैं।

यह समय, संस्कृति और रूढ़ियों की धूल झाड़कर असली, जिंदा, प्रत्यक्ष धर्म को फिर सामने लाता है।


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निष्कर्ष

वेदान्त 2.0 हमें बुलाता है—

> “अभी को देख।
स्वयं को अनुभव कर।
बिना कल्पना, बिना डर, बिना इतिहास।”



यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है —
स्वतंत्रता, जिज्ञासा और मौलिकता।

bhutaji

પ્રકૃતિ આપે પ્રારબ્ધ.. 🌹

daksheshinamdardil

PAAGLA – A heart that speaks through words. 💭✨ Sharing emotions, shayari, quotes, and stories that touch your soul. From love to pain, from motivation to dreams – here, every line is written to connect with your heart. ❤️📖

jaiprakash413885

Day, night, stress, joy — chai fits every chapter.☕️🫖

nensivithalani.210365

mara kuch jindgi ka panna adhura hai 😭😭

gulaboo22

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rajukumarchaudhary502010

ദൂരം

nithinkumarj640200

ദൂരം ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️

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ദൂരം 🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰

nithinkumarj640200

ദൂരം

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The Japanese Art of Kintsugi

Break is not the end — it creates something more beautiful.
Kintsugi teaches us that every crack has meaning.
In Japan, broken pottery is repaired with gold —
not to hide the damage, but to honour it.
Life breaks us too, through loss and challenges.
But every scar can become a golden line in our story.
“What feels like the end is often the beginning of your most beautiful version.”
— Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

"LokSewa Master | Nepal Exam Prep | GK, Math, Reasoning & Grammar | Mock Tests & Study Notes | Government Job Preparation Tips | Stay Smart, Stay Ready!"

rajukumarchaudhary502010

અહો! કેવું સરસ નજરાણું
ભુખ્યાં માટે ભર્યું તરભાણું…
-કામિની

kamini6601

shubh prabhaat mitro....

hardik89

🙏🙏सुप्रभात🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹
""शिव माता-पिता ,शिव बंधू सखा ।
शिव चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।""

sonishakya18273gmail.com308865

क्या विदेशी हथियारों के आयात पर रोक लगाने का भारत सरकार का फैसला सही है?

यह कदम उस फैसले की कड़ी का हिस्सा है जब भारत ने 2 महीने पहले रक्षा में विदेशी निवेश की सीमा 49% से बढ़ाकर 74% कर दी थी। आयात पर रोक आने से भारत में आकर कारखाने लगाने वाली विदेशी कम्पनी को गारंटीड मार्केट मिलेगा, और भारत की बची खुची हथियार निर्माण इकाइयों के भविष्य के अवसर और भी सिकुड़ जायेंगे। राइफल के उदाहरण द्वारा मैंने इसे निचे स्पष्ट किया है

पिछले कई वर्षो से AK-47 भारत में राइफल बनाने की फैक्ट्री लगाने की तैयारी कर रही है। फरवरी 2019 की यह खबर पढ़ें —

PM Narendra Modi might soon inaugurate Russian AK-47/203 rifle manufacturing factory in Uttar Pradesh

https://www.timesnownews.com/india/article/ak-47-factory-russian-assault-rifle-narendra-modi-might-soon-inaugurate-russian-ak-47203-rifle-manufacturing-factory-in-uttar-pradesh/362042

काल्श्निकोव प्रथम चरण में यहाँ पर 20 लाख राइफले बनाएगा, और ये सभी राइफल हमारी सेना को बेची जायेगी। यहाँ तक कि सरकार AK-47 को भारतीय सेना की मानक राइफल बनाने पर विचार कर रही है। यदि मोदी साहेब ने पिछले महीने ऍफ़डीआई की सीमा को 49% से बढ़ाकर 74% नहीं किया होता तो कलाश्निकोव का इस फैक्ट्री में स्टेक 49% से अधिक नहीं हो सकता था !! किन्तु अब इस फैक्ट्री में 74% स्वामित्व काल्श्निकोव का होगा !!

भारत की तरह ही पाकिस्तान में भी बंदूक बनाने की फैक्ट्री खोलने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, किन्तु वहां पर सरकार द्वारा इस क़ानून को जानबूझकर लागू नहीं किया जाता। बंदूक बनाने के कुटीर उद्योग की श्रुंखला होने के कारण पाकिस्तान 5000 रू में बड़े पैमाने पर AK-47 की कॉपी बनाता है।

Khyber Pass copy - Wikipedia
https://en.wikipedia.org/wiki/Khyber_Pass_copy

यदि वोइक क़ानून लागू कर दिया जाए और हम अदालतों-पुलिस-कर अधिकारियों का भ्रष्टाचार ख़त्म कम कर दें तो भारत में बड़े पैमाने पर बंदूक / रायफल बनाने की फैक्ट्रियां लगनी शुरू होगी, और हम सिर्फ 3-4 साल में पाकिस्तान से बेहतर AK-47 कानूनी रूप से बनाने लगेंगे। और शायद कुछ वर्षो बाद हम AK-47 को टक्कर देनी वाली या उससे भी बेहतर बंदूके बनाने लगे।

किन्तु सरकार ने स्वदेशी तकनीक आधारित स्थानीय हथियार निर्माण इकाइयों का आधार खड़ा करने के लिए आवश्यक क़ानून लागू करने की जगह पहले विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई और फिर आयात पर रोक लगाकर उन्हें गारंटीड मार्केट देने की दिशा में कदम उठाया !! और मोदी साहेब के इस फैसले का सोनिया जी एवं केजरीवाल जी ने भी समर्थन किया !!

तो अब विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने और गारंटीड मार्किट मिलने के बाद भारत में कलाश्निकोव आकर राइफल “असेम्बल” करने वाला है, और इससे हमें निम्न नुकसान होंगे :

कलाश्निकोव जो बंदूके बनाएगा हमें वे ऊँचे दामो में खरीदनी होगी। उदाहरण के लिए यदि हम खुद से राइफल बनाते है तो कानूनी रूप से सिर्फ 10 हजार रू तक में AK-47 जैसी रायफल बना सकते है। किन्तु हमें अब कलाश्निकोव से लगभग 1 से 1.50 लाख रू में राइफल खरीदनी पड़ेगी !!

कलाश्निकोव भारत में राइफले बनाएगा नहीं, बल्कि असेम्बल करेगा !! वे जटिल पुर्जे आयात करेंगे और चिल्लर कोम्पोनेंट यहाँ बनाकर राइफल असेम्बल करेंगे !! इस तरह 20 लाख राइफले भारत में बनने के बावजूद भारतीयों में इसका हुनर नहीं पनपेगा। यदि भारत में निजी क्षेत्र की कई सारी फैक्ट्रियां ये राइफल बनाएगी तो उनमे प्रतिस्पर्धा होगी और 20 लाख राइफल बनाने के दौरान भारतीयों में राइफल बनाने की इंजीनियरिंग का विकास होगा।

कलाश्निकोव भारत में जितना भी मुनाफा बनाएगी उसके हमें डॉलर चुकाने होंगे !! इस तरह काल्श्निकोव हमारे डॉलर दायित्व को असीमित रूप से बढ़ाता है !! किन्तु यदि हम रायफल बनाने का आधार बना लेते है अगले कुछ ही वर्षो में हम राइफलो का आयात भी करने लगेंगे और इससे हमारे गल्ले में डॉलर आयेंगे !!

कलाश्निकोव राइफल में एकाधिकार बनाने के लिए सही-गलत तरीको का इस्तेमाल करेक भारत की बची खुची बंदूक / राइफल बनाने के कारखानों को बंद करवा देगा !!

जब भी मुझसे पूछा जाता था / है कि, भारत बेहतर राइफल क्यों नहीं बना पा रहा है, और भारत की स्वदेशी राइफल इंसास क्यों पिछड़ रही है, तो मेरा कहना होता था / है कि, विदेशी हथियार कम्पनियां इंसास की बेंड बजाने के लिए हमारे नेताओं / मंत्री / प्रधानमंत्री / सांसदों पर काफी निवेश करती है। यदि भारत में राइफल बनने लगी तो विदेशी भारत में आकर कारखाने नहीं लगा पायेंगे !!

तो भारत में अपने विशाल बाजार को बचाए रखने के लिए हथियार निर्माता निम्न प्रक्रिया का इस्तेमाल करते है :

पहले वे निजी क्षेत्र को हथियार बनाने की अनुमति नहीं देते, ताकि निजी क्षेत्र पनप न सके।
और हथियार बनाने वाली सरकारी कंपनियों को तोड़ने के लिए वे मंत्रियो एवं प्रधानमंत्री का इस्तेमाल करते है।

इसके बाद वे पेड मीडिया का इस्तेमाल करके नागरिको के दिमाग में इस तरह की कीले ठोकते है जिससे उनमे यह सन्देश जाए कि भारत में राइफल बनाने की काबलियत नहीं है।

फिर हथियार निर्माता पेड मीडिया के माध्यम से यह माहौल खड़ा करते है कि — देखो, भारत काम आने लायक एक अदद राइफल नहीं बना पा रहा है, और इसीलिए हमें विदेशियों को भारत में आकर फैक्ट्रियां लगाने के लिए कहना चाहिए !!

और इसके बाद वे मंत्रियो एवं प्रधानमंत्री से कहते है कि अब आप रक्षा में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाओ ताकि हम यहाँ पर कारखाने लगा सके !!

और उसके बाद वे हमारे मंत्रियो एवं प्रधानमंत्री को कहते है कि अब आप आयात पर रोक लगाओ ताकि तुम्हे सिर्फ हमसे ही राइफल खरीदनी पड़े !!

और फिर हमारे मंत्री एवं प्रधानमन्त्री ठीक वैसा ही करते है !! क्योंकि मंत्री एवं प्रधानमंत्री बनने के लिए पेड मीडिया का समर्थन चाहिए होता है। जनता आपको सिर्फ सांसद ही बना सकती है, मंत्री या प्रधानमंत्री नहीं !!

और यह एक बड़ी वजह है कि, पेड मीडिया के प्रायोजक मंत्रियो को वोट वापसी पासबुक के दायरे में लाने के क़ानून से अत्यंत घृणा करते है !! क्योंकि वोट वापसी पासबुक के लागू होने के बाद सांसद मंत्री बनने के लिए पेड मीडिया की जगह मतदाताओ पर निर्भर हो जायेंगे !!

समाधान ?

मेरे विचार में , हमें इस प्रक्रिया को रोकने एवं Made in India & Made by Indian की नीति पर चलते हुए हथियार बनाने की काबलियत जुटाने के लिए मुख्य रूप से 3 कानूनों की जरूरत है :

वोइक : इस क़ानून के आने से भारत में बड़े पैमाने पर हथियार निर्माण के कारखानों की श्रुंखला खड़ी होनी शुरू होगी। यह क़ानून हथियार निर्माण में विदेशी निवेश पर भी रोक लगाता है।

रिक्त भूमि कर : इस क़ानून के आने से रुकी हुयी जमीन (Hoarded Land) बाजार में आनी शुरू होगी और शहरी क्षेत्र में जमीन की कीमतें लगभग 5 से 10 गुना तक गिर जायेगी। यदि हम जमीन की कीमतें कम नहीं करते है तो बड़े पैमाने पर कारखाने नहीं लग पायेंगे।

जूरी कोर्ट : जब बंदूके / रायफल बनने लगेगी तो कलाश्निकोव एवं हथियार निर्माता भारत के जजों / कर अधिकारियों / पुलिस / मंत्रियो को घूस देकर ऐसे कदम उठाने को कहेंगे जिससे इन फैक्ट्रियो के लिए काम करना मुश्किल हो जाए और लागत बढ़ने से वे धड़ाधड़ बंद होने लगे। और जूरी कोर्ट फैक्ट्री मालिको की इन शिकारियों से रक्षा करेगा !!
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इस बारे में अधिक विवरण के लिए ये जवाब भी पढ़ सकते है - रक्षा मंत्रालय ने कुछ हथियारों की आयात पर रोक लगाई है, इससे क्या फायदा होगा?

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https://hi.quora.com/%E0%A4%86%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%B9%E0%A4%A5%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B2/answers/126168546?ch=10&oid=126168546&share=67ca3926&srid=5XEL1l&target_type=answe

sonukumai

કહી દઉં કાનમાં કૃષ્ણ કહે જ્ઞાનમાં. 🌹🙏

daksheshinamdardil