सत्य को कहने के लिए, किसी शपथ की जरूरत नहीं होती।
नदियों को बहने के लिए, किसी पथ की जरूरत नहीं होती।
'प्रारंभ'करते हैं काम का, अपने मजबूत इरादों से।
उन्हें मंजिल पाने के लिए, किसी रथ की जरूरत नहीं होती।
#प्रारंभ

Hindi Shayri by जगदीप सिंह मान दीप : 111386513

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now