#प्रकाश
अमावस्या के अँधेरे को दीप, जलाके बना दे दिवाली।

हटा ये घने अंधेरे अपनी राहों के,
जलाके ज्योति बुलंद इरादों की।

जीत का जशन मना,
हाथ मे मशाल लिये होंसलों की।

तू कह दे अलविदा हर अंधेरो को,
बतला के कहानी उजियारो की।
-Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111445764

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