#सजावटी
हर पौधे में बसते कांटे और फूल,
तू चुन ले अपने पंथ के फूल ।
क्यों देखे बस तू ये शूल ?

लगा दे एक पौधा फूल का,
महका दे बस अपना आँगन,
धरती का हर आँगन महेक जाएगा ।
ये धरा दुल्हन सी सज्ज जायेगी।

सज्जा दे इस जीवन को प्रेमरस से,
बचा ले ख़ुद को नफरत के तुफानो से।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111459590

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