बेजुबां थी, गर्भवती थी, भूखी थी
इंसानो ने पटाखों से भरा फल खीला के।

केरल को शर्मसार, कर के,
क्या मिला विश्वास को तार तार कर के।

जीवों पर दया हम भूल हैं जाते,
करते हैं हिंसा और प्रेम के गीत हैं गाते।

#કેરળ

Hindi Thought by Asst.Proff.Nandan Patel : 111539478

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