#चमकीला

इस पत्थर में बस्ती,
हीरे की चमक को तू पहेचान।

इन अंधियारी रातो में रहते,
चिराग के रास्ते को तू पहेचान।

तेरे दिल भी अरमान बसते,
तुज में छुपी क्षमता को तू पहेचान।

इन राहों की मुश्किलों में छुपी,
सफलता की राहों को तू पहेचान।
Mahek Parwani

Hindi Poem by Mahek Parwani : 111581128

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