#हर जवाब मिलता है

मैं आईना नही अख्स है हूँ तुम्हारा

सौ मुखौटो के पीछे छुपा

असली चेहरा हूँ तुम्हारा

झूठ की चादर में छुपा

वह सच हूँ तुम्हारा

कब तक भागोगे मुझसे

भला अख्स को शख्स से कोई अलग कर पाया है

एक बार आँख तो मिला मुझसे

तेरे हर सवाल का

यहाँ हर जवाब मिलता है

-Vaishnav

Hindi Poem by Vaishnav : 111581159

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