#कुछ छूट रहा है
कुछ छूट रहा है
क्या
पता नही
बैचेनी है घबराहट है
बढ़ी हुई दिल की धड़कन है
कुछ याद आता है
और दिल बेबस है खामोश है
बहुत कुछ कहना चाहता है
बहुत कुछ सुनना चाहता है
क्या
पता नही
इक आँसू जोअटका हुआ है
जैसे बाहर आने को मचल रहा है
टूटकर बिखर जाने को
कुछ है
जो रोक रहा है
क्या
पता नही
कुछ छूट रहा है
क्या
पता नही

-Vaishnav

Hindi Poem by Vaishnav : 111612757

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