मैं और मेरे अह्सास

दिनों बाद दोड़ के आया है नामाबर l
साजन का सन्देशा लाया है नामाबर ll

मिलों की दूरी से खैर ख़बर लाने से l
खुशियो का वरदान पाया है नामाबर ll

गाँव गाँव सायकिल पर जाके बड़ों को l
ख़ुद ख़त पढ़कर सुनाता है नामाबर ll

साखी
दर्शिता बाबूभाई शाह

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111824464

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