“हम ढूँढते है उनको
जो मिल के नहीं मिलते
रूठे हैं ना जाने क्यों
मेहमां वो मेरे दिल के
मेहमां वो मेरे दिल के

क्या अपनी तमन्ना थी
क्या सामने आया है
दिल ने ….
दिल ने
जिसे पाया था
आँखों ने गवाया है
टूटे हुए ख्वाबो ने
हमको ये सिखाया है”
❤️

Hindi Folk by Umakant : 111893499

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now