तर्क हक़ीक़त रोहित की कलम से
Good Mornnig ..!!!
जिएंगे ताजा गुलाम की तरह ये तय हुआ था
मरेंगे खुश्बू का ख्वाब बनकर ये तय हुआ था
पढूंगा तुमको लिखुंगा तुमको ये फैसला था
रहोगे मेरी क़िताब बनकर ये तय हुआ था
मनपसंद शख्स भी अपनी मनमानी
कर सकता हैं ये मेने नही सोचा था