CHIRANJIT TEWARY Books | Novel | Stories download free pdf

तेरे मेरे दरमियान - 21

by CHIRANJIT TEWARY
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आदित्य :- अरे बाहर क्यू है । अंदर लेकर आओ उसे ।रमेश बाहर जाता है और रश्मि के अंदर ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 1

by CHIRANJIT TEWARY
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अमावस्या की रात थी और रात के 11 बज रहे थे । भानपुर गांव का एक तांत्रिक अपनी तात्रिकं ...

तेरे मेरे दरमियान - 20

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका :- वाउ । ये बहोत अच्छा है । पता है जानवी ये मॉल बहोत एक्सपेंसिव है और यहां ...

तेरे मेरे दरमियान - 19

by CHIRANJIT TEWARY
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आदित्य :- देखो यार, तुम दोनों को तो पता है कि मैंने ज़िंदगी में बहुत मेहनत की है, तभी ...

तेरे मेरे दरमियान - 18

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका: - पापा । ये आपके हाथ मे किसका शादी का कार्ड है ?रघुनाथ :- तुम खुद ही दैख ...

तेरे मेरे दरमियान - 17

by CHIRANJIT TEWARY
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विकास उठता है और अपनी गाड़ी से एक और एसीड का बोतल निकालता है और जानवी की तरफ फेंक ...

तेरे मेरे दरमियान - 16

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका :- ये तो विकास है । पर ये जानवी का हाथ ऐसे क्यों पकड़ा है । और ये ...

तेरे मेरे दरमियान - 15

by CHIRANJIT TEWARY
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जानवी :- मतलब वो यही है और सबके सामने एक आम इंसान बनके रह रहा है ।विद्युत: - बिल्कुल ...

तेरे मेरे दरमियान - 14

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका :- तुमने इसकी किमत नही दैखी क्या ? अगर मन बहलाने के लिये दैख रही हो तो ठिक ...

तेरे मेरे दरमियान - 13

by CHIRANJIT TEWARY
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विद्युत: - घर आ तेरे इस मॉल की खुशी मे मैं एक पार्टी दूगां वहां पर बात करते है ...