सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़

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हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ़र में देश के कौने कौने से अभिनय करके नाम कमाने के लिए हज़ारों लोग आए और चले भी गए। कुछ सफ़ल होकर सितारे कहलाए तो कुछ संघर्ष से हार मान कर लौट गए। लेकिन इस सुहाने सफ़र में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो न तो कहीं गए, और न ही आसानी से कभी जाएंगे। क्योंकि ये ऐसे एक्टर या अभिनेता थे जिनका जादू अपने समय में अवाम के सिर चढ़ कर बोला। ये हमेशा के लिए अमर हो गए। इनकी कला अमर हो गई। ये एक्टर्स अपने समय के नंबर एक कहलाए और अवाम ने इनकी छवि को देवों की तरह पूजा। इन्हें अपना आदर्श बनाया। इनका असर समाज पर खूब दिखाई दिया। लोगों ने इनके नामों को अपनाया, इनके स्टाइल्स को अपनाया।

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सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1

हिंदी सिनेमा का आगाज़ लगभग एक सदी पुराना है। एक सौ दस बरस के सेल्युलॉयड के इस सफ़र में के कौने कौने से अभिनय करके नाम कमाने के लिए हज़ारों लोग आए और चले भी गए। कुछ सफ़ल होकर सितारे कहलाए तो कुछ संघर्ष से हार मान कर लौट गए। लेकिन इस सुहाने सफ़र में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो न तो कहीं गए, और न ही आसानी से कभी जाएंगे।क्योंकि ये ऐसे एक्टर या अभिनेता थे जिनका जादू अपने समय में अवाम के सिर चढ़ कर बोला। ये हमेशा के लिए अमर हो गए। इनकी कला अमर ...Read More

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सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 2

देश आज़ाद होने के बाद पहले दशक में अशोक कुमार, भारत भूषण, महिपाल, प्रदीप कुमार, बलराज साहनी, किशोर कुमार, जैसे नायक बेहद सफल और लोकप्रिय फिल्मों के सहारे दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब हो गए थे लेकिन जब बात शिखर की हो तो तीन नाम सबसे आगे दिखाई दे रहे थे - राजकपूर, दिलीप कुमार और देवानंद !राजकपूर को लोकप्रिय, उद्देश्य परक तथा सफल फ़िल्मों के सहारे ये गौरव मिला कि उन्हें अपने समय की सर्वोच्च फ़िल्म शख्सियत कहा जा सके। उन्होंने अभिनय के साथ साथ फ़िल्म निर्माण में भी सर्वोच्च प्रतिमान स्थापित किए। श्री चार ...Read More