अरुण ऑफिस में था तभी फोन आया।उसने उठाया उसकी माँ का था "हां माँ।" "तू घर आ जा।" "क्यो माँ?" "तुझसे बात करनी है।" "तो कर ले।" "अरे फोन पर नही।तू घर आ तब बात करेंगे।" और माँ ने फोन काट दिया था। ऑफिस से छुट्टी होने के बाद अरुण शाम को घर पहुंचा था।अरुणा आज पहले आ गई थी।वह उससे बोला,"अरुणा में गांव जा रहा हूँ।" "अचानक।सुबह तक तो ऐसी कोई बात नही थी।"अरुणा बोली। "माँ का फोन आया था।"अरुण बोला,"माँ ने बुलाया है।"
प्यार की जीत - 1
अरुण ऑफिस में था तभी फोन आया।उसने उठाया उसकी माँ का था हां माँ। तू घर आ जा। क्यो माँ? तुझसे बात करनी है। तो कर ले। अरे फोन पर नही।तू घर आ तब बात करेंगे। और माँ ने फोन काट दिया था।ऑफिस से छुट्टी होने के बाद अरुण शाम को घर पहुंचा था।अरुणा आज पहले आ गई थी।वह उससे बोला, अरुणा में गांव जा रहा हूँ। अचानक।सुबह तक तो ऐसी कोई बात नही थी। अरुणा बोली। माँ का फोन आया था। अरुण बोला, माँ ने बुलाया है। क्यो।,अरुणा बोली। यह तो नही बताया। लौटोगे कब?अरुणा ने कहा था छुट्टी तो एक सप्ताह की ली है, और अपना ध्यान रखना फोन करती रहना। और अरुण चल दिया ...Read More
प्यार की जीत - 2
आगे पढ़ेंसुबह चाय की आवाज सुनकर उसकी नींद टूटी थी।उसने मोबाइल में समय देखा।छ बजे थे ट्रेन माधोपुर पर थी।उसने वेटर को आवाज दी,"चायवह चाय की ट्रे रख गया था।अरुण वाशरूम गया।फ्रेश होकर अपनी सीट पर आ बैठा।वह कप में चाय डाल ही रहा था कि फोन की घण्टी बजी।उसने फोन उठाया अरुणा का था"क्या कर रहे हो।"फोन को कान से लगाते ही अरुणा की मधुर आवाज सुनाई पड़ी थी।"चाय पी रहा हूँ,"अरुण बोला,"तुंमने पी।""बनाउंगी तब पिऊंगी,"अरुणा बोली,"और दिन तो सुबह की पहली चाय तुम बनाते थे।अब तो मुझे खुद बनानी होगी।""यह तो है।"अरुण बोला,"बना लो।"""घर कब पहुंचोगे?"अरुणा ने ...Read More