टीस - पहली बार देखा था उसे

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"कभी-कभी कुछ लोग ज़िंदगी में यूँ दाख़िल होते हैं जैसे हवा— वे नज़र तो नहीं आते, मगर महसूस होते हैं।" कॉलेज का पहला दिन था। नई जगह, नए चेहरे, और पुराने ख़्याल जो मन में उथल-पुथल मचाए बैठे थे। भीड़ के बीच मैं खड़ी थी — अपनी ही उलझनों में लिपटी, जब मेरी नज़र उससे टकराई। वो लड़का, जो क्लास की सबसे पिछली बेंच पर बैठा था, किताबें उसके सामने पड़ी थीं मगर उसकी निगाहें दूर खिड़की से बाहर देख रही थीं । उसकी खामोश निगाहें किसी की जिज्ञासा बढ़ा रही थीं जैसे कुछ कह रही हों । उसका चेहरा उस स्याह की तरह था जिसके अंदर कोई कहानी सांस ले रही हो जिसका शीर्षक समझना कठिन लग रहा था। पहली बार मुझे किसी की ख़ामोशी में इतनी आवाज़ सुनाई दी थी। इतनी... कि उसकी तस्वीर किसी विषय की तरह आज मेरे मन में बैठ गई।

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टीस - पहली बार देखा था उसे - 1

एपिसोड 1शीर्षक: पहली बार देखा था उसे..."कभी-कभी कुछ लोग ज़िंदगी में यूँ दाख़िल होते हैं जैसे हवा— वे नज़र नहीं आते, मगर महसूस होते हैं।"कॉलेज का पहला दिन था। नई जगह, नए चेहरे, और पुराने ख़्याल जो मन में उथल-पुथल मचाए बैठे थे। भीड़ के बीच मैं खड़ी थी — अपनी ही उलझनों में लिपटी, जब मेरी नज़र उससे टकराई।वो लड़का, जो क्लास की सबसे पिछली बेंच पर बैठा था, किताबें उसके सामने पड़ी थीं मगर उसकी निगाहें दूर खिड़की से बाहर देख रही थीं । उसकी खामोश निगाहें किसी की जिज्ञासा बढ़ा रही थीं जैसे कुछ कह ...Read More