13 नंबर फ्लैट

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रात के 11:42 हो चुके थे। सोसाइटी की सारी लाइटें बुझ चुकी थीं। हवा में अजीब सी सर्दी थी, जो जून की गर्मी में भी अजनबी लग रही थी। अर्जुन एक नया डिलीवरी बॉय था। आज उसे एक ऑर्डर मिला था — "13 नंबर फ्लैट" में। लेकिन मज़े की बात ये थी कि उस सोसाइटी में कोई 13 नंबर फ्लैट था ही नहीं। "शायद किसी ने मज़ाक किया है," उसने सोचा, लेकिन ऐप पर पूरा एड्रेस था। वो गया। सीढ़ियाँ चढ़ते ही, फ्लैट नंबर 12 के बाद एक दरवाज़ा मिला... बिना नंबर का। कॉल बेल बजी — पर उसने अभी तक बटन छुआ भी नहीं था।

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13 नंबर फ्लैट - 1

एपिसोड 1: डोरबेल जो खुद बजी थीरात के 11:42 हो चुके थे। सोसाइटी की सारी लाइटें बुझ चुकी थीं। में अजीब सी सर्दी थी, जो जून की गर्मी में भी अजनबी लग रही थी।अर्जुन एक नया डिलीवरी बॉय था। आज उसे एक ऑर्डर मिला था — "13 नंबर फ्लैट" में। लेकिन मज़े की बात ये थी कि उस सोसाइटी में कोई 13 नंबर फ्लैट था ही नहीं।"शायद किसी ने मज़ाक किया है," उसने सोचा, लेकिन ऐप पर पूरा एड्रेस था। वो गया।सीढ़ियाँ चढ़ते ही, फ्लैट नंबर 12 के बाद एक दरवाज़ा मिला... बिना नंबर का।कॉल बेल बजी — पर ...Read More

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13 नंबर फ्लैट - 2

️ एपिसोड 2: "आईना जो साँसें रोक दे"विक्रम के कदम अब 13 नंबर फ्लैट की दहलीज़ लांघ चुके थे। सीलन से भरी थीं और हर कोना सन्नाटे से भरा हुआ। लेकिन सबसे अजीब बात थी — ड्रॉइंग रूम में रखा एक पुराना टूटा हुआ आईना, जो बाकी सब से बिलकुल अलग चमक रहा था।आईने में विक्रम ने खुद को देखा... पर अक्स थोड़ा हिला हुआ था, मानो वो खुद उसकी परछाई न होकर कोई और हो। अचानक आईने में एक लड़की की छवि उभरी — वही लड़की जिसकी लाश पहली रात उसने देखी थी, लेकिन अब वो हँस रही ...Read More