जादुई मुंदरी

(3)
  • 1.8k
  • 0
  • 621

हरीद्वार के आगे उतर की तरफ पहाड़ों में दूर तक चले जाइए तो एक ऐसे मुकाम पर पहुंचियेगा जहां पानी एक मोटी धारा गाय के मुंह से मानिंद एक मुहरे की राह, बर्फ के पहाड़ों से निकाल कर बड़े जोर और शोर के साथ एक नीची जगह में गिरती है ‌। यह धारा हमारी गंगा मां है। उसके निकलने के मुहरे को गौमुख कहते हैं। और इस जगह का नाम गंगोत्री है गंगोत्री बहुत ही सुन्दर जगह है। बर्फसतान से आती हुई गंगाजी की सफेद धारा देखने में बहुत खूबसूरत मालूम होती है। और उसके उतरने की आवाज पहाड़ों में गूंजती हुई ध्वनि बहुत प्यारी लगती है।

Full Novel

1

जादुई मुंदरी - 1

हरीद्वार के आगे उतर की तरफ पहाड़ों में दूर तक चले जाइए तो एक ऐसे मुकाम पर पहुंचियेगा जहां एक मोटी धारा गाय के मुंह से मानिंद एक मुहरे की राह, बर्फ के पहाड़ों से निकाल कर बड़े जोर और शोर के साथ एक नीची जगह में गिरती है‌। यह धारा हमारी गंगा मां है।उसके निकलने के मुहरे को गौमुख कहते हैं।और इस जगह का नाम गंगोत्री हैगंगोत्री बहुत ही सुन्दर जगह है। बर्फसतान से आती हुई गंगाजी की सफेद धारा देखने में बहुत खूबसूरत मालूम होती है।और उसके उतरने की आवाज पहाड़ों में गूंजतीहुई ध्वनि बहुत प्यारी लगती ...Read More

2

जादुई मुंदरी - 2

एक कोआ एक अंगुठी योगी के पैरों के पास रख देता है और योगी उसको उठकर अपनी उंगली में लेता है।मगर उसे बड़ा आश्चर्य होता है कि जब वह अंगूठी पहनते ही कौए को ये कहते हुए सुनता है।ऐ मिहरबान बड़े योगी ! आज आप ने मेरी जान बचाई है।और सब चिड़ियों और जानवरों पर आप हमेशा बड़ी मिहरबानी करते हैं।इसलिए ये अंगुठी मै आपको भेंट करता हूं इसे कबूल किजिए। ये मुंदरी जादु की है।और इस मे यह तासीर है कि जो कोई इसे पहनता है सब चिड़ियों की बोली समझ सकता है और उन्हें जिस काम का ...Read More