भारत आर्याब्रत सनातनीय बाहुल्य भू भाग जिसके सामजिक भौगोलिक परिवर्तन के जाने कितने दुःखद सुखद इतिहास है भारत सोने कि चिड़िया और विश्व मानवता का आदर्श एवं मार्ग दर्शक रहा सनातनी समाज अति विनम्र एवं सहज रहा है जिसने भी जैसा चाहा सनातनी समाज को ढाला चाहे इस्लाम कि उत्पत्ति के साथ भारतीय संस्कृति धर्म पर कुदृष्टि प्रहार हो या वास्कोडिगामा के भारत आने के बाद पश्चिमी यूरोपिय देशों का भारत के प्रति आर्थिक आकर्षण दोनों कि परिणीति भारत कि गुलामी के रूप मे अतीत एवं इतिहास मे दर्ज है अशोक महान के द्वारा कलिंग युद्ध के उपरांत अहिंशा और शांति का मार्ग चुनने के बाद भरतीय समाज कि प्रतिरोधक अर्थात आत्म रक्षा कि शक्ति धीरे धीरे कम होते होते समाप्त होने लगी जिसके परिणाम स्वरूप हज़ारो वर्ष कि गुलामी भारत एवं भारतीय समाज को भोगनी पड़ी और भारत कि मूल संस्कृति भाषा एवं सामाजिक चरित्र आक्रांता संस्कृति संस्कार को आत्म साथ करता छोड़ता विकृत होने लगा जिसका परिणाम वर्तमान भारतीय सनातनी समाज है |
कलकत्ता यात्रा (प्रथम संस्मरण )
भारत आर्याब्रत सनातनीय बाहुल्य भू भाग जिसके सामजिक भौगोलिक परिवर्तन के जाने कितने दुःखद सुखद इतिहास है भारत सोने चिड़िया और विश्व मानवता का आदर्श एवं मार्ग दर्शक रहा सनातनी समाज अति विनम्र एवं सहज रहा है जिसने भी जैसा चाहा सनातनी समाज को ढाला चाहे इस्लाम कि उत्पत्ति के साथ भारतीय संस्कृति धर्म पर कुदृष्टि प्रहार हो या वास्कोडिगामा के भारत आने के बाद पश्चिमी यूरोपिय देशों का भारत के प्रति आर्थिक आकर्षण दोनों कि परिणीति भारत कि गुलामी के रूप मे अतीत एवं इतिहास मे दर्ज है अशोक महान के द्वारा कलिंग युद्ध के उपरांत अहिंशा और ...Read More
कलकत्ता यात्रा (दूसरा संस्मरण )
कलकत्ता कि दूसरी यात्रा का शुभ अवसर छब्बीस वर्ष बाद मिला 1979 मे कलकत्ता रोजगार हेतु प्रतियोगिता कि परीक्षा गया था तो छब्बीस वर्ष बाद अपनी सेवा संस्था के अधिकारी Slept के ए जी एम अर्थात अखिल भारतीय जनरल बॉडी मीटिंग मे डेलिगेट्स के रूप मे प्राप्त हुआ बाघ एक्सप्रेस से गोरखपुर पुर से इक्कीस जनवरी 2014 को शुरू हुई मेरे साथ व्यवसायिक नेतृत्व के आदि व्यक्तित्व थे लगभग बीस घंटो कि उबाऊ यात्रा के बाद हम लोग कलकत्ता पहुंचे अधिकारी संगठन द्वारा डेलिगेट्स कि रुकने भोजन आदि कि व्यवस्था संतरा गाँछी के भव्य होटल मे कि गयी थी ...Read More