पति ब्रहाचारी

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धरा पर ऐसे कई व्यक्तित्व आए हैं, जिनका जीवन केवल उनके परिवार या गाँव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। उनके जीवन में तप, त्याग और संयम की ऐसी धारा प्रवाहित हुई, कि लोग आज भी उनकी गाथाएँ सुनकर प्रेरित होते हैं। यह कथा भी उसी प्रकार के पुरुष की है, जिसे संसार ने बाद में “पति ब्रह्मचारी” के नाम से जाना। जन्म और माता-पिता नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित प्रसौनी ग्राम सदियों से धार्मिक और संस्कारी वातावरण के लिए जाना जाता था। यहाँ का प्रत्येक घर, प्रत्येक परिवार धर्म, संस्कार और साधना में लीन रहता। इसी ग्राम में रहते थे – आचार्य वेदमित्र और उनकी पत्नी सत्यवती।

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पति ब्रहाचारी - भाग 1

पति ब्रह्मचारी – भाग 1 : जन्म और बचपनप्रस्तावनाधरा पर ऐसे कई व्यक्तित्व आए हैं, जिनका जीवन केवल उनके या गाँव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। उनके जीवन में तप, त्याग और संयम की ऐसी धारा प्रवाहित हुई, कि लोग आज भी उनकी गाथाएँ सुनकर प्रेरित होते हैं। यह कथा भी उसी प्रकार के पुरुष की है, जिसे संसार ने बाद में “पति ब्रह्मचारी” के नाम से जाना।जन्म और माता-पितानेपाल और भारत की सीमा पर स्थित प्रसौनी ग्राम सदियों से धार्मिक और संस्कारी वातावरण के लिए जाना जाता ...Read More