जिंदगी एक सफऱ

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अहमदाबाद के थलतेज इलाके में स्थित एक शानदार कॉफी शॉप। 28 मार्च, 2015 की शाम का समय। अभिमन्यु सिंह अपनी बिजनेस मीटिंग खत्म करके बाहर निकल रहा था। 45 साल की उम्र में भी उसकी शख्सियत इतनी प्रभावशाली थी कि कोई भी शरमा जाएं। गहरे भूरे बाल, क्लीन शेव, ट्रिम की हुई मूंछें और अच्छी तरह से सजा हुआ सूट, वह बिल्कुल आकर्षक लग रहा था। अपनी महंगी मर्सिडीज कार की ओर बढ़ते हुए वह मोबाइल में कुछ चेक कर रहा था।अचानक, उसी की कार के पास एक और महंगी ऑडी कार पार्क हुई। उसमें से एक महिला बाहर निकली। उसके चेहरे पर अनुभव की रेखाएं थीं, लेकिन उसके सुंदर चेहरे पर एक अनोखी चमक थी। अभिमन्यु ने अनायास ही उसकी ओर देखा। वह महिला भी उसकी ओर देख रही थी। एक पल के लिए दोनों की नजरें मिलीं। दोनों के मन में अतीत की यादें ताजा हो गईं।

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जिंदगी एक सफऱ - 1

1ज़िंदगी सफ़र...अहमदाबाद के थलतेज इलाके में स्थित एक शानदार कॉफी शॉप। 28 मार्च, 2015 की शाम का समय। अभिमन्यु अपनी बिजनेस मीटिंग खत्म करके बाहर निकल रहा था। 45 साल की उम्र में भी उसकी शख्सियत इतनी प्रभावशाली थी कि कोई भी शरमा जाएं। गहरे भूरे बाल, क्लीन शेव, ट्रिम की हुई मूंछें और अच्छी तरह से सजा हुआ सूट, वह बिल्कुल आकर्षक लग रहा था। अपनी महंगी मर्सिडीज कार की ओर बढ़ते हुए वह मोबाइल में कुछ चेक कर रहा था।अचानक, उसी की कार के पास एक और महंगी ऑडी कार पार्क हुई। उसमें से एक महिला बाहर ...Read More

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जिंदगी एक सफऱ - 2

2ज़िंदगी एक सफ़र,कॉफी शॉप से निकलने के बाद अभिमन्यु अपनी कार में बैठा, लेकिन उसका मन आज अपनी 'सह्याद्री कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स के बजाय अतीत में ही अटक गया था। उसने कार शुरू की और धीरे-धीरे चलाने लगा। उसके चेहरे पर एक अनोखी मुस्कान थी। उसने झंखना का नंबर अपने फोन में सेव किया। 21 साल के लंबे अंतराल के बाद, झंखना से फिर मिलने की खुशी उसके दिल को सुकून दे रही थी।दूसरी ओर, झंखना भी घर पहुंच चुकी थी। उसका पति अभी नहीं आया था। वह सोफे पर बैठी और अपने विचारों में खो गई। अभिमन्यु ...Read More

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जिंदगी एक सफऱ - 3

जिंदगी एक सफऱ :3ज़िंदगी एक सफ़रअगले दिन शाम को अभिमन्यु और झंखना अहमदाबाद के एक शांत गार्डन में मिले। बच्चों का शोर था, लेकिन वे जैसे अपनी ही दुनिया में खो गए थे। कॉफी शॉप में थोड़ा संकोच था, लेकिन आज वह कम हो गया था। वे एक बेंच पर बैठे और बातें शुरू हुईं।उनकी बातचीत फिर से कॉलेज के दिनों पर आकर रुक गई।"याद है अभि, अर्चना और संजय... हमारे ग्रुप में थे? अर्चना हमेशा तुझे चिढ़ाती रहती थी," झंखना ने हंसते हुए कहा।अभिमन्यु भी हंस पड़ा। "हां, और तूने मुझे बचाने के लिए कैसा प्लान बनाया था? ...Read More