एक छोटे से गाँव में जन्मा आरव नाम का लड़का गरीबी में पला-बढ़ा। घर में इतना पैसा भी नहीं था कि वह अच्छे कपड़े या किताबें खरीद सके। लेकिन उसकी आँखों में हमेशा बड़े सपने थे। बचपन में वह अक्सर कहता— “एक दिन मैं इतना बड़ा इंसान बनूँगा कि मेरी मेहनत और लगन पर लोग विश्वास करना सीखेंगे।” ? शुरुआती संघर्ष स्कूल की फीस भरने के लिए आरव ने अख़बार बाँटे। रात को वह एक चाय की दुकान पर काम करता और वहीं रोशनी के नीचे पढ़ाई करता। लोग उसका मज़ाक उड़ाते: “बड़े सपने देखने से कोई अरबपति नहीं बनता, मेहनत करनी पड़ती है।” लेकिन आरव मुस्कुराकर कहता— “देखना, एक दिन मैं साबित करूँगा।”
ZERO TO BILLIONAIRE - 1
Zero to Billionaire एक छोटे से गाँव में जन्मा आरव नाम का लड़का गरीबी में पला-बढ़ा। घर में इतना भी नहीं था कि वह अच्छे कपड़े या किताबें खरीद सके। लेकिन उसकी आँखों में हमेशा बड़े सपने थे।बचपन में वह अक्सर कहता—“एक दिन मैं इतना बड़ा इंसान बनूँगा कि मेरी मेहनत और लगन पर लोग विश्वास करना सीखेंगे।” शुरुआती संघर्षस्कूल की फीस भरने के लिए आरव ने अख़बार बाँटे।रात को वह एक चाय की दुकान पर काम करता और वहीं रोशनी के नीचे पढ़ाई करता।लोग उसका मज़ाक उड़ाते:“बड़े सपने देखने से कोई अरबपति नहीं बनता, मेहनत करनी पड़ती है।”लेकिन ...Read More
ZERO TO BILLIONAIRE - 2
Zero to Billionaire – भाग 2: सपनों की उड़ान और पहला स्टार्टअप आरव का बचपन कठिन था, लेकिन अब अपने सपनों को सच करने के लिए शहर की ओर बढ़ने वाला था। गाँव में उसके पास ज्यादा अवसर नहीं थे। उसे पता था—सपने सिर्फ़ सोचने से नहीं, कोशिश करने से सच होते हैं।️ शहर में पहला कदमआरव ने गाँव छोड़कर बड़े शहर में दाख़िला लिया।हॉस्टल की फीस भरने के लिए उसने पार्ट-टाइम काम शुरू किया।कभी किताबें बाँटी, कभी कंप्यूटर क्लासेस में सहायक बना।शहर की रफ्तार तेज थी और लोग व्यस्त। यहाँ कोई गरीब लड़के के सपनों में नहीं रुचि ...Read More