एक शादी ऐसी भी.

(0)
  • 78
  • 0
  • 0

घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन घर के भीतर का माहौल सूरज की रोशनी से कहीं ज्यादा भारी था। रसोई से आती मसालों की खुशबू और कड़ाही में छौंक लगने की आवाज इस बात का प्रमाण थी कि माधवी ने मोर्चा संभाल लिया है। माधवी, जिनका स्वभाव उस बहती नदी की तरह था जो शांत रहकर भी पत्थर काट देती है, बिना किसी शोर-शराबे के रसोई का काम निपटा रही थीं। उनके चेहरे पर वही चिर-परिचित शांति थी, जो अक्सर गहरे धैर्य से आती है।

1

एक शादी ऐसी भी - 1

घर की दहलीज ,सुबह की पहली किरणें बरामदे में बिछी सफेद चादर पर पड़ रही थीं, लेकिन घर के का माहौल सूरज की रोशनी से कहीं ज्यादा भारी था।रसोई से आती मसालों की खुशबू और कड़ाही में छौंक लगने की आवाज इस बात का प्रमाण थी कि माधवी ने मोर्चा संभाल लिया है।माधवी, जिनका स्वभाव उस बहती नदी की तरह था जो शांत रहकर भी पत्थर काट देती है, बिना किसी शोर-शराबे के रसोई का काम निपटा रही थीं। उनके चेहरे पर वही चिर-परिचित शांति थी, जो अक्सर गहरे धैर्य से आती है।बरामदे में एक पुरानी आरामकुर्सी पर पुलिस ...Read More