...उससे बात करकर ऐसा लगा था ...किसी की आवाज इतनी भी मिठी हो सकती है..?बिना देखे ..कोई तुम्हारे मन ...
....हर एक व्यक्ति अपनेआप में एकदम से निराला होता है।उसके जैसा कोई नहीं।अपनी एक खास पहचान लिए हम घूमते ...
..... प्रथम दर्शनी एखाद्या व्यक्तीचं आपल्या मनावर जे काही म्हणून प्रतिबिंब उमटत असते,त्या सगळ्यात मोठा वाटा हा त्या व्यक्तींच्या ...
......हम बहुत से बार सुनते आए है और जानते भी है की,वक्त के साथ सब कुछ ठीक हो जाता ...