यह कहानी "एक कारीगर की ख़ामोशी" में एक कारीगर हरिराम और उसके ग्राहक के बीच बातचीत को दर्शाया गया है। ग्राहक, जो महंगे वार्डरोब बनवाने की जरूरत पर सवाल उठाता है, हरिराम से पूछता है कि इतनी खर्चीली चीज़ों की क्या आवश्यकता है। हरिराम, जो एक कुशल कारीगर है, जवाब देता है कि जो लोग पैसे नहीं खर्च कर सकते, वे सादगी से रहते हैं, जबकि जिनके पास पैसे हैं, वे अपने शौक के लिए महंगे फर्नीचर बनवाते हैं। ग्राहक हरिराम की बातों से चौंकता है और उसे समझाता है कि अगर सभी लोग उसकी तरह सोचेंगे तो उसका व्यवसाय प्रभावित होगा। लेकिन हरिराम आत्मविश्वास से भरा होता है और कहता है कि काम करवाने वाले लोग हमेशा आएंगे। वह अपने हुनर और ईमानदारी पर गर्व करता है, भले ही उसकी स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर हो। कहानी में हरिराम की सोच और दृष्टिकोण को दिखाया गया है, जो यह समझाता है कि जीवन का उद्देश्य केवल पैसे कमाना नहीं, बल्कि शौक और संतोष भी होना चाहिए। ग्राहक को हरिराम की बातें गहरी सोच में डाल देती हैं और उसकी मेहनत और हुनर की सराहना करने के लिए प्रेरित करती हैं। एक कारीगर की ख़ामोशी by Arpan Kumar in Hindi Moral Stories 2.2k 2.3k Downloads 9.8k Views Writen by Arpan Kumar Category Moral Stories Read Full Story Download on Mobile Description “भला इतने महँगे वार्डरोब बनवाने की क्या ज़रूरत है हरिराम?” अपने खर्चे से कुछ उकताया हुआ मैंने उससे साफ-साफ पूछा। “जिनके पास पैसे कम हैं, वे अपने घरों में लोहे की कोई अलमारी लाकर रख देते हैं। जिनके पास पैसे ही नहीं हैं, वे बिना उसके ही रह लेते हैं।” हरिराम सुथार ने बड़े सहज भाव से यह बात कही। हरिराम सीकर का एक कारीगर है और इन दिनों मेरे फ्लैट में मॉडुलर किचन, वार्डरोब और शो-केस बना रहा है। मुझे उसकी साफगोई निश्चय ही थोड़ी चुभी मगर कहीं-न-कहीं अच्छी भी लगी। लंबे लंबे और बीच में खाली छूटे दाँतोंवाला कारीगर हरिराम अपनी धुन में आगे बोलता चला जा रहा था, “इतना महँगा वार्डरोब बनवाने से आख़िर फ़ायदा क्या है!” More Likes This आरव और सूरज by Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 by Vedant Kana Middle Class Boy by Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 by M choudhary Commerce Wale Dost - 1 by chotti writer इंटरनेट की दुनिया - भाग 1 by Ashish Kumar Trivedi इश्क़अधूरा _ एक और गुनाह का देवता - 1 by archana More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories