कहानी "एक जिंदगी - दो चाहतें" के लेखक विनीता राहुरीकर ने भारतीय सेना के जवानों के प्रति अपने आदर और सम्मान को व्यक्त किया है। बचपन से ही सेना के प्रति उनके मन में विशेष भावनाएँ थीं, जो उन्होंने सिनेमा के माध्यम से देखी थीं। पांच साल पहले, एक सेना अधिकारी से दोस्ती होने के बाद, उन्होंने उनके रोमांचक अनुभवों को सुनते हुए सेना के प्रति और अधिक आकर्षित हुईं। विनीता ने मेजर परम गोस्वामी की कहानी को उपन्यास के रूप में लिखने का निर्णय लिया, जो भारतीय सेना के जवानों के साहस और कर्तव्य के बारे में है। उपन्यास में बताया गया है कि कैसे सैनिक देश की सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगाते हैं और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की मदद करते हैं। मेजर गोस्वामी ने उत्तराखंड आपदा के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना कई लोगों की जान बचाई, जिससे उनकी कर्तव्यपरायणता की मिसाल प्रस्तुत होती है। विनीता का उद्देश्य है कि पाठक भारतीय सेना के जवानों के संघर्ष, देशभक्ति और निष्ठा को समझें, जिससे युवा पीढ़ी को सेना में करियर चुनने के लिए प्रेरित किया जा सके। एक जिंदगी - दो चाहतें - 1 by Dr Vinita Rahurikar in Hindi Motivational Stories 17 7.4k Downloads 14.4k Views Writen by Dr Vinita Rahurikar Category Motivational Stories Read Full Story Download on Mobile Description बचपन से ही भारतीय सेना के जवानों के लिए मेरे मन में बहुत आदर था। मेरे परिवार में कोई भी सेना में नहीं है। मैंने सिर्फ सिनेमा में सैनिकों के बहादुरी भरे कामों को देखा और हमेशा ही उन्हें देखना मुझे बहुत अच्छा लगा। आज से पाँच वर्ष पूर्व एक सैनिक अधिकारी से मेरी पहचान हुई। कुछ ही दिनों में हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए। वह सेना अधिकारी अपनी छुट्टियाँ खत्म होने पर अपनी ड्यूटी पर वापस चले गए। हम फोन पर बात करके अपनी दोस्ती को बनाए रखे हुए थे। वे अकसर अपने सेना जीवन के अनुभवों को मेरे साथ बाँटते। उनकी कहानियाँ बहुत रोमांचक होती थीं। मैं हमेशा उनके अनुभव सुनने के लिए उत्सुक रहती। फोन पर उनके अनुभव सुनते हुए मैं हमेशा सेना के जवानों के प्रति नतमस्तक हो जाती उनकी बहादुरी तथा मातृभूमि के लिए उनका भक्ति और प्रेम देखकर। जब मैंने भारतीय सेना के जवानों के काफी सारे बहादुरी पूर्ण कार्यों के बारे में सुना, उनके चुनौती भरे जीवन के बारे में जाना जो कभी-कभी काफी दिलचस्पी भी होता था तभी मुझे भारतीय सेना के जवानों पर एक उपन्यास लिख कर अपने पाठकों तक उनके जीवन के इन अनछुए पहलुओं को पहुँचाने की इच्छा हुई ताकि मैं सेना के जवानों की कर्तव्यनिष्ठा और देश भक्ति के प्रति इस तरह से अपना आदर तथा भावनाएँ अभिव्यक्त कर सकूँ। Novels एक जिंदगी - दो चाहतें बचपन से ही भारतीय सेना के जवानों के लिए मेरे मन में बहुत आदर था। मेरे परिवार में कोई भी सेना में नहीं है। मैंने सिर्फ सिनेमा में सैनिकों के बहादुरी भर... More Likes This शब्दों का बोझ by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग by Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 by Neeraj Sharma डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 2 by Miss Chhoti हर कदम एक नई जंग है - 1 by Sumit Sharma दया का महत्व by DINESH KUMAR KEER More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories