सत्या बस्ती की गलियों में चल रहा था जब उसने मीरा के घर के आगे जमा भीड़ को देखा। एक मकान-मालिक ऊँची आवाज़ में कह रहा था कि उसने छह महीने का किराया नहीं दिया और घर खाली नहीं कर रही है। गोमती, जो भीड़ में थी, ने उसे समझाया कि ठंड में बच्चे को कहाँ भेजेगी। भीड़ ने गोमती की बात का समर्थन किया, लेकिन मकान-मालिक ने किराया मांगने पर जोर दिया और कहा कि अगर किराया नहीं मिला तो घर खाली करना होगा। मकान-मालिक ने घर बेचने की बात भी की, जिसमें उसने कीमत 15,000 से 25,000 तक बताई। तभी सत्या ने कहा कि उसे घर खरीदना है। मकान-मालिक ने सत्या को बाहर का आदमी बताते हुए 25,000 की मांग की। गोमती और बाकी लोग सत्या के पक्ष में खड़े हो गए और 15,000 में बात करने पर जोर देने लगे। मकान-मालिक ने विरोध किया, और अंत में सभी लोग मुखिया के पास जाने लगे। मुखिया ने गोमती से स्थिति के बारे में पूछा, जिस पर गोमती ने शिकायत की कि मकान-मालिक ने पहले 15,000 कहा था और अब 25,000 मांग रहा है। इस पर मकान-मालिक ने अपनी बात पर जोर दिया कि बस्ती का कोई 15,000 में खरीदेगा और बाहर का आदमी के लिए 25,000 लगेगा। कहानी इस विवाद पर समाप्त होती है, जिसमें सभी लोग मुखिया के फैसले का इंतज़ार कर रहे हैं। सत्या - 5 by KAMAL KANT LAL in Hindi Fiction Stories 5 2.5k Downloads 6.4k Views Writen by KAMAL KANT LAL Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description सत्या 5 सत्या बस्ती की गलियों में चला जा रहा था. मीरा के घर के आगे भीड़ लगी देखकर उसके कदम तेज़ हो गए. पास जाकर उसने भीड़ के पीछे से उचक कर देखने की कोशिश की. एक काला-कलूटा आदमी ऊँची आवाज़ में हाथ लहरा-लहरा कर कह रहा था, “क्या मजाक है, छे महीना का किराया नहीं दिया. घर भी खाली नहीं कर रही है. मेरा तो नुस्कान हो रहा है ना? तुमलोग मेरे बारे में भी तो सोचो. मेरा भी बाल-बच्चा है.” औरतों के बीच खड़ी गोमती ने समझाने वाले अंदाज में कहा, “अरे तभी तो बोल रहे हैं, Novels सत्या सत्या पहला पन्ना 1970 के दशक के प्रारंभ की बात है. तब मैं काफी छोटा था. एक दिन सुबह सवेरे मेरे पिता के एक जूनियर कुलीग हमारे घर पर आए और उन्होंने पूरे... More Likes This रक्तपथ - 1 by Ankit s Kumar जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 by Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 by Maya Hanchate फोकटिया - 1 by DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 by Kaushik Dave बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 2 by Maya Hanchate Lunar Blood - 2 by Sameer Kumar More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories