ढीठ मुस्कुराहटें... - 2 - अंतिम भाग Zakia Zubairi द्वारा Moral Stories में हिंदी पीडीएफ

Dhith Muskurahate by Zakia Zubairi in Hindi Novels
ढीठ मुस्कुराहटें... ज़किया ज़ुबैरी (1) “अरे भई रानी मेरी एड़ी को गुदगुदा क्यों रही हो... क्या करती हो भई... ये क्या हो रहा है... यह गीला गीला क्या है....