जामवंत ने सोचा कि रावण आत्मसमर्पण करेगा, लेकिन वह युद्ध में खुद सेनापति बनकर आया। राम और रावण दोनों कुशल धनुर्धारी थे, पर युद्ध में कोई भी पक्ष नुकसान नहीं उठाता। विभीषण ने बताया कि रावण का कवच बहुत मजबूत है, और केवल नाभि में तीर मारने से उसे नुकसान पहुंचाया जा सकता है। अगले दिन, राम ने अपने विशेष बाण से रावण की नाभि को लक्ष्य बनाकर तीर चलाया, जिससे रावण गिर पड़ा और युद्ध समाप्त हो गया। विभीषण ने शांति का प्रतीक झंडा लहराया और रावण का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। लक्ष्मण ने विभीषण का राजतिलक किया और उन्होंने पुराने मंत्रियों को हटा कर नए बनाए। विभीषण ने सीता जी को सम्मान के साथ राम को सौंपने का आदेश दिया। सीता जी का डोला राम के पास पहुंचा, जिससे सभी प्रसन्न हुए। अगले दिन, विभीषण ने राम से अनुरोध किया कि वे लंका में कुछ समय बिताएं, लेकिन राम ने कहा कि उन्हें अयोध्या लौटना है, जहां उनके भाई भरत उनका इंतजार कर रहे हैं। विभीषण ने लंका के तेज विमानों को दिखाया, और राम ने लौटने की तैयारी की। जामवंत ने चिताया कि भरत राजगद्दी को पसंद कर सकते हैं, इसलिए वे राम की तरफ से दूसरी लड़ाई के लिए साथ चलेंगे। बाली का बेटा - अंगद विदाई by राजनारायण बोहरे in Hindi Mythological Stories 3 2.6k Downloads 8.6k Views Writen by राजनारायण बोहरे Category Mythological Stories Read Full Story Download on Mobile Description जामवंत समझ रहे थे कि अब रावण को ठीक रास्ता समझ में आ जायेगा और वह लड़ाई छोड़ कर आत्मसमर्पण कर देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।अगले दिन रावण खुद सेनापति बन कर युद्ध के मैदान में हाजिर था।रामादल की ओर से राम सेनापति थे।दोनों की अच्छे धनुर्धारी और बहादुर योद्धा थे। शाम तक लड़ाई चलती रही। न तो रावण का कोई नुकसान हुआ न ही रामादल की कोई हानि हुइ्र।रात को विभीशण ने बताया कि रावण ने अपने सिपहसालारों से लोहेका एक ऐसाकवच बनाया है जो गरदन से पेट तक और कमर से घुटनों तक पहना जाता है। अतः उसका More Likes This विषैला इश्क - 1 by NEELOMA संपूर्ण बालकाण्ड - भाग 1 by Rahul Gupta चंद्रवंशी - परिचय by yuvrajsinh Jadav नागवंश: खोया इतिहास - 1 by Dheeru Sukla The Chronicles of the Nexus - 1 by Abhinav bajpai The 8th Sense – एक रहस्य जो विज्ञान से परे है - भाग 2 by Abhinav bajpai एक कदम बदलाव की ओर - भाग 1 by Lokesh Dangi More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories