"अब तुम प्रवेश करने जा रहे हो यक्षकुल में…एक ऐसा कुल जो ज्ञान, संगीत, और अदृश्यता का प्रतीक है।पर यही कुल… अब भ्रम और छल से संक्रमित हो चुका है।"शल्या काँप रही थी।उसकी आँखों में पहली बार डर नहीं,बल्कि गिल्ट था।"क्या वे मुझे अपनाएँगे?"उसने ओजस से पूछा।"तू खुद को स्वीकार कर ले,बाक़ी दुनिया खुद-ब-खुद झुक जाएगी।"--- यक्षकुल का प्रवेश – दृश्य अदृश्य की चौखटएक रहस्यमयी द्वार खुला —जिस">

महाशक्ति - 44 Mehul Pasaya द्वारा Mythological Stories में हिंदी पीडीएफ

MAHAASHAKTI by Mehul Pasaya in Hindi Novels
वाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर था, जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता...