"तू नहीं सुधरेगा न?"आरव हँसते हुए:> "मैं सुधर गया हूँ... तेरे प्यार में।"वो दोनों छतरी के नीचे एक साथ चलते हैं… और बारिश उनके चारों ओर धीमी धुन बजा रही थी।--- अगला सीन – स्कूटी राइडसान्या को आरव घर छोड़ने">

इश्क़ की उन सुर्ख राहों पर - 5 Nilesh aayer द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

Ishq ki un Surkh Raaho par by Nilesh aayer in Hindi Novels
दिल्ली की हल्की सर्द सुबह थी। जनवरी की ठंडी हवा कॉलेज कैंपस में नये स्टूडेंट्स के बीच नई शुरुआत की फिज़ा घोल रही थी। हर चेहरा कुछ पाने की उम्मीद में च...