Description
"अबे मर गया क्या खड़े खड़े,,," कृषि उसके कान के पास चिल्लाकर बोला।"अआआआ,,,,क्या कर रहे हैं साहब,,,मुझे बहरा करने का इरादा है क्या,,,?" कामपाल होश में आते ही डर से चीख उठा ।कृषि ने उसे तिरछी नजर सेघूरते हुए देखा और बोला "अगर ऐसे चिल्लाता नही तो पता कैसे चलता,,, जिंदा खड़ा भी है की नहीं,,, क्या पता निपट लिया सोच कर चार लोग तुझे कंधा देने आ जाते"उसकी ऐसी बात सुनकर कामलाल डर से हकलाते हुए उसकी तारीफ करते हुए बोला "अ,,अरे ससाहब,,, शु,, शुभ शुभ बोलिए,,, आ आप जैसे पवित्रनाम वाले और क,, कमल की तरह खिलने वाले