अध्याय 0: कर्मों का न्यायालय by KalpRakt

यम सब सुनता है by KalpRakt in Hindi Novels
मृत्यु कोई अंत नहीं, बल्कि शुरुवात है उस सच्चाई की जिससे तुम आज तक भागते आ रहे हो |

स्वागत है मेरे इस न्यालय में जहा...